ठीक एक हफ्ते बाद आज ही के दिन भारतीय रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष 2010-11 की सालाना मौद्रिक नीति घोषित करेगा। इसलिए वह क्या करेगा क्या नहीं, इसको लेकर कयासों का दौर तेज होने लगा है। आज वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवाओं के सचिव आर गोपालन ने कहा कि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति थोड़ा और कठोर बना सकता है। वे राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। बता दें कि रिजर्व बैंक स्वायत्त नियामकऔरऔर भी

जीवन बीमा कंपनियों के यूनिट लिंक्ड प्लान (यूलिप) पर सेबी और आईआरडीए में छिड़ी जंग आखिरकार वित्त मंत्रालय के दरवाजे पर पहुंच कर शांत हो गई। पूंजी बाजार नियामक सेबी और बीमा नियामक आईआरडीए में इस बात पर रजामंदी हो गई है कि वे इस मुद्दे पर उचित कानूनी मंच से वैधानिक जनादेश हासिल करेंगे। जब तक ऐसे किसी कोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक मौजूदा स्थिति बनाए रखी जाएगी। दूसरे शब्दों में आईआरडीए ही बीमाऔरऔर भी