ठीक एक हफ्ते बाद आज ही के दिन भारतीय रिजर्व बैंक नए वित्त वर्ष 2010-11 की सालाना मौद्रिक नीति घोषित करेगा। इसलिए वह क्या करेगा क्या नहीं, इसको लेकर कयासों का दौर तेज होने लगा है। आज वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवाओं के सचिव आर गोपालन ने कहा कि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति थोड़ा और कठोर बना सकता है। वे राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। बता दें कि रिजर्व बैंक स्वायत्त नियामकऔरऔर भी

देश के अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों ने बीते वित्त वर्ष 2009-10 के आखिरी पखवाड़े में 1,15,549 करोड़ रुपए का ज्यादा कर्ज दिया है। यह पूरे वित्त वर्ष में बैंक कर्ज में हुई कुल 4,64,850 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का 24.85 फीसदी है। रिजर्व बैंक की तरफ से बुधवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 26 मार्च 2010 को बैंकों द्वारा दिए गए कुल कर्ज की मात्रा 32,40,399 करोड़ रुपए है, जबकि 12 मार्च 2010 को खत्म हुए पखवाड़ेऔरऔर भी

देश में अंग्रेजों के जमाने के रिवाजों व कानूनों को बदलने का मन बनने लगा है। पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने शुक्रवार को भोपाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट के दीक्षांत समारोह में पहनी जानेवाली ड्रेस को बर्बर औपनिवेश रिवाज बताते हुए उतार फेंका तो उसके एक दिन पहले गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक के प्लैटिनम जुबली समारोह में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश में वित्तीय क्षेत्र को चलानेवाले ज्यादातर कानून पुराने पड़औरऔर भी

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने सस्ते या टीजर होम लोन की स्कीम 30 अप्रैल 2010 तक बढा दी है। पहले यह स्कीम 31 मार्च 2010 को खत्म होनी थी। इस स्कीम के तहत होम लोन लेनेवाले को पहले साल केवल 8 फीसदी सालाना की दर से ब्याज देना होता है। अभी तक दूसरे व तीसरे साल ब्याज की दर 8.5 फीसदी रखी गई है। लेकिन 1 अप्रैल या उसके बाद होम लोनऔरऔर भी