इंड-स्विफ्ट लिमिटेड और इंड-स्विफ्ट लैबोरेटरीज दोनों ही एक समूह से वास्ता रखती हैं। चंडीगढ़ इनका मुख्यालय है। दवाएं बनाती हैं। लेकिन अलग-अलग लिस्टेड हैं। इंड-स्विफ्ट 1986 में बनी तो इंड-स्विफ्ट लैब्स 1995 में। धंधा दोनों का दुरुस्त चल रहा है। इंड-स्विफ्ट लिमिटेड ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 में 894.16 करोड़ रुपए की आय पर 43.45 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। वहीं इंड-स्विफ्ट लैब्स ने इस दौरान 1031.21 करोड़ रुपए की आय पर 87.62 करोड़ रुपएऔरऔर भी

1. इक्विटी शेयर क्या है? इक्विटी शेयर को आम बोलचाल में शेयर या स्टॉक भी कहा जाता है। इससे किसी कंपनी में अमुक अंश की हिस्सेदारी व्यक्त होती है। इक्विटी शेयरधारक कंपनी के नफे-नुकसान में, अपने शेयरों की संख्या के अनुपात में व्यवसायिक हिस्सेदार होता है। इसके धारक को कंपनी के सदस्य का दर्जा प्राप्त होने के साथ कंपनी के प्रस्तावों पर अपना विचार व्यक्त करने और वोट देने का अधिकार प्राप्त है। 2. राइट्स इश्यू/राइट्स शेयरऔरऔर भी

पावर ग्रिड का पब्लिक इश्यू (एफपीओ) पूरा हो गया और बाजार एक बार फिर करेक्शन के मोड में चला गया। ऐसा लगा जैसे बाजार के लिए और कोई ट्रिगर ही नहीं था और वह बस पावर ग्रिड के इश्यू के बीतने का इंतजार कर रहा था। लेकिन ऐसा है नहीं। बहुत सारे ट्रिगर हैं जिनके आधार पर बाजार की नए सिरे से रेटिंग होती रहेगी। अभी तो चूंकि निफ्टी 6357 को पार नहीं कर पा रहा हैऔरऔर भी

हमने 4 जून को इसी कॉलम में पहली बार गल्फ ऑयल में निवेश की सलाह देते हुए कहा था, ‘बी ग्रुप के शेयरों में गल्फ ऑयल नई पारी खेलने की तैयारी में है। कंपनी बैंगलोर की अपनी जमीन को डेवलप करना शुरू कर चुकी है। जल्दी ही वह इसके बाद हैदराबाद का नंबर लगानेवाली है।’ तब उसका शेयर 97.20 रुपए पर था। अब सोमवार 19 जुलाई को वो 116.50 रुपए पर पहुंच चुका है। यानी करीब डेढ़औरऔर भी