एक तरफ भारतीय दवा कंपनियां कह रही हैं कि उन्हें विदेशी अधिग्रहण से बचाया जाए। अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) तक ने सिफारिश की है कि दवा उद्यमों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 100 फीसदी से घटाकर 49 फीसदी कर दी जाए। दूसरी तरफ योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और दवा उद्योग में 100 फीसदी एफडीआई को कहीं से कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। आहलूवालियाऔरऔर भी

हमारा शेयर बाजार किसी द्वीप पर नहीं, बल्कि इसी समाज में है। इसलिए जब समाज में अच्छे लोगों की कद्र नहीं है और दंद-फंद वाले लोगों की ही चलती है तो कैसे संभव है कि शेयर बाजार में ऐसा न हो। आज चर्चा एक ऐसी ही अच्छी, पर उपेक्षित कंपनी पॉलिप्लेक्स कॉरपोरेशन की। फ्लेक्सिबल पैकेजिंग उद्योग की इस कंपनी का शेयर कल बीएसई (कोड – 524051) में 3.23% गिरकर 205.45 रुपए और एनएसई (कोड – POLYPLEX) मेंऔरऔर भी

मर्क लिमिटेड (बीएसई कोड-500126) का नाम पहले ई. मर्क हुआ करता था। यह बीएसई के साथ-साथ एनएसई में भी लिस्टेड है। फार्मा और केमिकल उद्योग की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इस समूह की मौजूदगी दुनिया के 64 देशों में है। मूल कंपनी जर्मनी की है जिसने सारे यूरोपीय संकट के बीच भी जून 2010 की तिमाही में 18.34 करोड़ यूरो का शुद्ध लाभ कमाया है जो पिछले साल की समान अवधि के शुद्ध लाभ 10.85 करोड़ यूरो सेऔरऔर भी