सरकार ने पेट्रोल से लेकर डीजल, रसोई गैस और केरोसिन के दामों पर छाई धुंध को साफ करने के लिए ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध करानी शुरू कर दी है। सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियां – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम ने पेट्रोल कीमतों के बारे में विस्तृत जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय संबद्ध पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की वेबसाइट पर डालनी शुरू कर दी है। यहां कच्चे के आयातित मूल्य से लेकर अंडर-रिकवरी व सरकार की तरफ सेऔरऔर भी

डॉलर के सापेक्ष रुपए के कमजोर होने का सीधा असर पेट्रोलियम पदार्थों की लागत पर पड़ता है। सितंबर के शुरू में एक डॉलर 46 रुपए का था। अभी 49 रुपए के आसपास है। डॉलर की विनिमय दर में हर एक रूपए की वृद्धि से देश में डीजल, केरोसिन व रसोई गैस की सालाना लागत 8000 करोड़ रुपए बढ़ जाती है। यानी, दो रुपए बढ़ने से 16,000 करोड़ और तीन रुपए बढ़ने से 24,000 करोड़। पेट्रोलियम मंत्री जयपालऔरऔर भी

सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर और मिट्टी तेल की मूल्य वृद्धि को वापस लेने से इनकार करते हुए कहा है कि इनमें की गई मूल्य वृद्धि बहुत अधिक नहीं है और इसका आम आदमी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवरा से मंगलवार को जब संवाददाताओं ने मूल्य वृद्धि वापस लिए जाने पर सवाल पूछा तो उन्होंने पलटकर कहा, ‘‘हम क्या वापस लें। हमने मिट्टी तेल में मात्र तीन रुपए लीटर कीऔरऔर भी