जूपिटर बायोसाइंसेज दवा उद्योग व बायोटेक्नोलॉजी से जुड़ी 1985 में बनी कंपनी है। बहुत कुछ नायाब बनाती है। लगातार बढ़ रही है। अधिग्रहण भी करती है। हाथ भी मिलाती है। 2006 में हैदराबाद की कंपनी का अधिग्रहण किया तो 2008 में स्विटजरलैंड की एक उत्पादन इकाई खरीद डाली। 2007 में रैनबैक्सी के साथ रणनीतिक गठजोड़ किया। इस मायने में भी यह बड़ी विचित्र कंपनी है कि इसकी 62.43 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी मात्रऔरऔर भी

कोरेक्स, बीकासूल व जेलुसिल बनानेवाली बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी फाइजर का नाम शायद आप सबको पता ही होगा। इसके कुछ अन्य ब्रांड हैं डोलोनेक्स और मिनीप्रेस-एक्सएल। ये सभी ब्रांड बाजार से ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहे हैं। कंपनी का वित्त वर्ष दिसंबर से नवंबर तक का है। नवंबर 2010 में खत्म वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी की आय 29 फीसदी बढ़कर 203 करोड़ रुपए से 261 करोड़ रुपए हो गई है, जबकि इस दौरान दवा उद्योगऔरऔर भी

कुछ कंपनियां मूलभूत कारकों के आधार पर मजबूत होती हैं। लेकिन उनके शेयर भाव दबे पड़े रहते हैं। ऐसी ही एक कंपनी है जे बी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स। यह बेहद प्रोफेशनली मैनेज्ड कंपनी है। कंपनी ने दिसंबर 2009 की तिमाही में 202 करोड़ रुपए की आय पर 29.56 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। वित्त वर्ष 2008-09 में उसकी आय 737 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 78.74 करोड़ रुपए था, जबकि उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस)औरऔर भी