नए साल के बजट में तमाम टैक्सों में घटबढ़ हो सकती है। टैक्स का आधार बढ़ाने की कोशिश भी हो सकती है। लेकिन एक बात तय है कि वित्त मंत्री पलनियप्पन चिदंबरम किसानों या कृषि आय पर कोई टैक्स नहीं लगाएंगे। वैसे, बीजेपी की तरफ से अगर यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री बने होते तो वे भी यह जोखिम नहीं उठाते। फिर भी टैक्स आधार बढ़ाने की बड़ी-बड़ी बातों से कोई भी वित्त मंत्री बाज़ नहीं आता। दिक्कतऔरऔर भी

अभी तक रिजर्व बैंक के गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव अपनी अघोषित जिद पर अड़े हुए थे कि जब तक केंद्र सरकार राजकोषीय मोर्चे पर कुछ नहीं करती या दूसरे शब्दों में अपने खजाने का बंदोबस्त दुरुस्त नहीं करती, तब तक वे मौद्रिक मोर्चे पर ढील नहीं देंगे। यही वजह है कि पिछले दो सालों में 13 बार ब्याज दरें बढ़ाने के बाद रिजर्व बैंक ने इस साल अप्रैल में इसमें एकबारगी आधा फीसदी कमी करके फिर हाथ बांधऔरऔर भी

डाउ जोन्स में आई 165 अंकों की बढ़त और देश के गृहमंत्री पी चिदंबरम को 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मिली राहत ने आज बाजार के बढ़कर खुलने की जमीन तैयार कर दी थी। लेकिन जैसी कि मुझे उम्मीद थी, वो खुद को टिकाए नहीं रख सका। निफ्टी 5390.05 तक जाकर नीचे उतर आया और 0.67 की बढ़त के साथ 5361.65 पर बंद हुआ। जब हर तरफ से बुरी खबरें आ रही थी, तब बाजार के सारे लोगऔरऔर भी

महंगाई का असर लोग जब झेल चुके होते हैं, तब सरकार को पता चलता है और यह अगर ज्यादा हुई तो उसकी परेशानी बढ़ जाती है क्योंकि इससे मुद्रा से जुड़े सारे तार हिल जाते हैं, बैंकों व कॉल मनी की ब्याज दरों से लेकर सरकार की उधारी तक प्रभावित होती है और रिजर्व बैंक को फटाफट उपाय करने पड़ते हैं। ऊपर से सरकार को विपक्ष का राजनीतिक हमला अलग से सहना पड़ता है। इस समय यहीऔरऔर भी

जाति-आधारित राजनीतिक दलों के दबाव में देश में अब वह काम होने जा रहा है जिसे 1947 में आजादी के बाद ही सायास छोड़ दिया गया था। कैबिनेट ने गुरुवार को जाति-आधारित जनगणना को मंजूरी दे दी। यह जनगणना अगली साल फरवरी से मार्च तक सामान्य जनगणना के खत्म होने के बाद जून से शुरू की जाएगी और इसे सितंबर तक खत्म कर लिया जाएगा। इससे पहले देश में आखिरी जाति-आधारित जनगणना अंग्रेजों के शासन में 1931औरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मंगलवार को अपनी बैठक में दो प्रमुख सरकारी खनन कंपनियों कोल इंडिया और हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश को हरी झंडी दे दी। लेकिन तय हुआ है कि कोल इंडिया में कोई नए शेयर नहीं जारी किए जाएंगे और सरकार की 10 फीसदी हिस्सेदारी ही बेची जाएगी, जबकि हिंदुस्तान कॉपर में 10 फीसदी सरकारी इक्विटी बेचे जाने के साथ-साथ 10 फीसदी नए शेयर जारी किएऔरऔर भी

अगर दांतेवाड़ा का नक्सली हमला एक महीने पहले हो जाता तो शायद सरकारी कंपनी एनएमडीसी का 10 से 12 मार्च तक खुला एफपीओ (फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर) एकदम सब्सक्राइब ही नहीं हो पाता क्योंकि कंपनी अपने लौह अयस्क का 80 फीसदी हिस्सा इसी जिले की खानों से निकालती है। वह कुल 290 लाख टन लौह अयस्क का उत्पादन करती है जिसमें से 220 लाख टन दांतेवाड़ा जिले की बैलाडीला और 70 लाख टन कर्णाटक की दोणिमिले खानोंऔरऔर भी