ब्रिटेन में मौजूदगी रखने वाली भारतीय कंपनियां और भारत में मौजूद ब्रिटिश कंपनियां एक सख्त ब्रिटिश कानून के दायरे में आ गई हैं। यह कानून घूसखोरी को रोकने के लिए बनाया गया है। ब्रिटेन का घूसखोरी अधिनियम-2010 शुक्रवार, 1 जुलाई से प्रभाव में आ गया। इस कानून के तहत घूसखोरी अथवा भ्रष्टाचार में लिप्त पाए लोगों को 10 साल तक की जेल हो सकती है और उनके खिलाफ असीमित जुर्माना लगाया जा सकता है। दोषी पाई गईऔरऔर भी

मंगलवार से द हिंदू अखबार में विकीलीक्स के सहयोग से किए जा रहा खुलासा आज, गुरुवार को संसद में हंगामे का सबब बन गया। हिंदू की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2008 में यूपीए की पिछली सरकार को बचाने और विश्वास मत हासिल करने के लिए सांसदों 50 से 60 करोड़ रुपए दिए गए थे। इस मसले पर विपक्ष ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर लोकसभा में भारी हंगामा किया। संसद मेंऔरऔर भी