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वेदांत कहता है कि पाप जैसी कोई चीज़ नहीं। हां, गलती ज़रूर होती है और, हमारी सबसे बड़ी गलती है खुद को कमज़ोर, पापी और दीनहीन, दयनीय समझना। यह समझना कि हम इतने गए-गुजरे हैं कि हमसे कुछ हो ही नहीं सकता।और भीऔर भी

धन कम लोगों को किस्मत और ज्यादातर लोगों को कला और जमाने की समझ से मिलता है। इसलिए अगर आप गरीब पैदा हुए तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं। लेकिन आप अगर गरीब रहकर ही मर गए तो इसमें सरासर गलती आपकी है।और भीऔर भी

नीतियां बनानेवाले भी हमारे-आप जैसे इंसान होते हैं। वे भी हमारी तरह संपूर्ण को न देख पाने की गलती कर सकते हैं। उनके फैसले सबको प्रभावित करते हैं। इसलिए उन पर सभी को निगाह रखना जरूरी है।और भीऔर भी

सत्ता के सच को कभी सच मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। वो अपने काम का ही सच पेश करती है। जब श्रीकृष्ण तक शंख के शोर में अधूरे सच को पूरा सच बना देते हैं तो औरों का क्या भरोसा?और भीऔर भी

भारतीय बाजार कतई पारदर्शी नहीं हैं और फिजिकल सेटलमेंट के अभाव में यहां बाजार संचालित प्रणाली का सिद्धांत पूरी तरह विफल है। यह इकलौता बाजार है जहां वीआईपी इंडस्ट्रीज बुक वैल्यू के 11 गुने पर ट्रेड हो सकता है, जबकि फर्स्टसोर्स सोल्यूशंस (एफएसएल) बुक वैल्यू से 50 फीसदी नीचे पड़ा हुआ है। आज एफएसएल 6.35 फीसदी गिरकर 11.80 रुपए पर पहुंच गया, जबकि उसकी बुक वैल्यू 21.42 रुपए है। दूसरी तरफ वीआईपी इंडस्ट्रीज आज 6.74 फीसदी बढ़करऔरऔर भी

शब्दों के बिना विचारों की कनात नहीं तनती। रिश्तों की डोर न हों तो भावनाएं नहीं निखरतीं। औरों की नज़र न हो तो अपनी गलती का एहसास नहीं होता। विराट न हो तो शून्य सालता है, सजता नहीं।और भीऔर भी

न सीखने की कोई उम्र होती है और न ही गलतियों को दुरुस्त करने के लिए अगले जन्म की जरूरत होती है। जो कहते हैं कि अगले जन्म ये गलती नहीं करेंगे, वे बस अपनी चमड़ी बचा रहे होते हैं।और भीऔर भी

वित्त वर्ष 2011-12 का बजट देश और देश की अर्थव्यवस्था के हित में है। शेयर बाजार अभी इसे अपने हित में मानता है या नहीं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आखिरकार अर्थव्यवस्था ही बाजार की भी मजबूती का आधार बनती है। फिर आज अगर बीएसई सेंसेक्स करीब 600 अंक उछला है तो जरूर बाजार ने भी इसका अहसास किया है। हालांकि सेंसेक्स बाद में केवल 122.49 अंकों या 0.69 फीसदी की बढ़त के साथ 17,823.40 परऔरऔर भी

कुछ लोग गलतियां किए चले जाते हैं, सीखते कुछ नहीं। दूसरे लोग अपनी ही गलती से सीखते हैं। तीसरी तरह के लोग अपनी ही नहीं, औरों की गलतियों से भी सीखते हैं। कामयाबी इन्हें ही सबसे जल्दी मिलती है।और भीऔर भी