यकीनन, आप भी इस बात से इत्तेफाक करेंगे कि शेयर बाजार से पैसे कमाने का आदर्श तरीका है – सबसे कम भाव पर खरीदो और अधिकतम भाव पर बेचकर निकल जाओ। लेकिन व्यवहार में ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि जब कोई शेयर अपने न्यूनतम स्तर पर होता है तब हमें लगता है कि यह तो डूब रहा है, अभी और नीचे जाएगा। वहीं, जब शेयर बढ़ रहा होता है तब हमें लगता है कि अभी और ऊपरऔरऔर भी

इनफोसिस ने भारत के बारे में धुरंधरों का नजरिया बदल दिया है। जानीमानी निवेश व ब्रोकिंग फर्म सीएलएसए और कुछ दूसरे विश्लेषकों ने भारतीय बाजार को डाउनग्रेड कर दिया है। लेकिन जान लें कि इनफोसिस में बिकवाली इसलिए नहीं हुई कि उसके नतीजे उम्मीद से कमतर थे, बल्कि इसकी कुछ दूसरी वजहें थीं। इसके फ्यूचर्स में औकात से ज्यादा कर लिए गए सौदे काटे जा रहे हैं। अभी तो हम इनफोसिस में अच्छा-खासा मूल्य देख रहे हैंऔरऔर भी

बाजार का बहुत तेजी से बढ़ना अच्छा नहीं है तो पंटर भाईलोग शॉर्ट सेलिंग करने लगे। पहले कहा जा रहा था कि बहुत धीमा होना बाजार के लिए बहुत बुरा है और इसलिए शॉर्ट सेलिंग हो रही है। अरे भाई मेरे! आप लोग बाजार को कब समझेंगे? निफ्टी 5800 पर है और सारे के सारे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) सेंसेक्स में शामिल स्टॉक खरीदने में जुटे हैं क्योंकि ऐसा करना उनकी मजबूरी है। मैं तो कहूंगा किऔरऔर भी

जिंदगी में पहले से ही सब कुछ पता हो तो वह कितनी बोरिंग हो जाएगी? फिर भी हम कल क्या होनेवाला है, इसका पता लगाने में जुटे रहते हैं। यही हाल शेयर बाजार का है। पारदर्शिता कितनी भी बढ़ जाए, पहले से सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है कि कल ठीक-ठीक क्या होनेवाला है, कौन-से शेयर बढ़ेंगे, कौन-से गिरेंगे। जानने की इच्छा के बीच अज्ञात का थ्रिल। इसी भाव से शेयर बाजार को देखिए। अच्छा लगेगा। आज केऔरऔर भी

टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) टाटा समूह की कंपनी है। देश में टिन कोटेड व टिन फ्री स्टील शीट की सबसे बड़ी उत्पादक है। घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी 35-40 फीसदी है। कंपनी अपना 20-25 फीसदी उत्पादन निर्यात करती है। कोलकाता में इसका मुख्यालय है। फैक्ट्री जमशेदपुर में है। 85 साल पुरानी नामी कंपनी है। कल बीएसई में इसके शेयरों में जबरदस्त कारोबार हुआ 8.35 लाख शेयरों का, जबकि पिछले दो हफ्ते में औसत कारोबार 1.37औरऔर भी

इप्का लैब्स का शेयर इसी साल मार्च में स्प्लिट किया गया है और 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर अब 2 रुपए अंकित मूल्य के पांच शेयरों में बंट गया है। 23 मार्च 2010 को रिकॉर्ड तिथि थी। इसके पहले 19 मार्च को बीएसई में शेयर का भाव 1316 रुपए था। अगर इसे पांच से भाग दें तो 2 रुपए अंकित मूल्य पर उसका तत्कालीन भाव 263.20 रुपए निकलता है। इसके बाद 21 मई को यह 233औरऔर भी

“सिंगापुर निफ्टी सूचकांक (एसजीएक्स सीएनएक्स) 5105 पर। मंदड़िए अपने को साबित करने और दोहरी तलहटी बनाने के लिए निफ्टी को 5040 तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। बाजार की हर डुबकी का इस्तेमाल निचले भावों पर खरीद में करें। मजबूत भरोसे के अभाव के चलते मेटल शेयरों पर चोट की जानी पक्की है।” यह वो संदेश है जो हमने गुरुवार को बाजार खुलने से पहले जारी किया था। वैसे, अगर यह इक्विटी बाजार है तो इसमें दो तरहऔरऔर भी

अक्टूबर 2007 में राठी बार्स ने पब्लिक इश्यू में 35 रुपए के मूल्य पर अपने शेयर जारी किए थे। इसके बाद न तो उसने कोई डिविडेंड दिया है न ही बोनस शेयर जारी किए हैं। कंपनी की चुकता पूंजी तब भी 16.33 करोड़ रुपए थी और अब भी उतनी ही है। इसमें प्रवर्तक राठी परिवार की हिस्सेदारी 57.39 फीसदी है। लेकिन मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में उसके शेयर 17.40 रुपए पर पहुंचे तो यह उसकेऔरऔर भी

बाजार गिरावट के साथ खुला। लेकिन एनआरबी बियरिंग्स में सुबह से चाल दिख रही है। शुक्रवार को यह शेयर बीएसई में 83.80 रुपए पर बंद हुआ था। लेकिन आज खुला ही 2 रुपए बढ़कर 85.80 रुपए पर। फिर यह छलांग लगाकर 87.30 तक पहुंच गया जो पिछले 52 हफ्तों का उसका उच्चतम स्तर है। हालांकि बाद में थोड़ी गिरावट का रुख दिखाई दिया। कंपनी के शेयर का 52 हफ्तों का न्यूनतम स्तर 33.75 रुपए रहा है जोऔरऔर भी

शेयर बाजार में जबरदस्त चर्चा है कि आईएफसीआई को दो दिन के भीतर रिजर्व बैंक से बैंक बनाने का लाइसेंस मिलनेवाला है और अगले हफ्ते बाकायदा इसकी घोषणा हो जाएगी। इस चक्कर में सटोरिये बड़े पैमाने पर आईएफसीआई की खरीद में जुट गए हैं। मामला कितना सच है कितनी अफवाह, इस बारे में रिजर्व बैंक की तरफ से कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन इन अटकलों के बीच हो यह रहा है कि आईएफसीआईऔरऔर भी