सरकार जल्दी ही विदेश में धन छिपाकर रखनेवाले भारतीयों पर निगाह रखने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और साइप्रस जैसे देशों में आयकर कार्यालय खोलने जा रही है। ये कार्यालय संबंधित देश के कर अधिकारियों के साथ बराबर संपर्क में रहेंगे और किसी भी संदेहास्पद लेन-देन की खोज-खबर रखेंगे। इससे सरकार को कर चोरों के पनाहगार समेत अन्य देशों से गोपनीय वित्तीय सूचनाएं हासिल करने में मदद मिल सकती है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन,औरऔर भी

सिक्किम में कोई सरकारी रोजगार कार्यालय नहीं हैं। इसे छोड़ दें तो देश के बाकी 34 राज्यों व संघशासित क्षेत्रों में 968 रोजगार कार्यालय हैं। दिसंबर 2007 तक इनमें पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 3.997 करोड़ थी। 31 मई 2010 तक यह घटकर 3.789 करोड़ पर आ गई है। श्रम व रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खड़के के मुताबिक इन कार्यालयों के जरिए 2007 में 2.64 लाख, 2008 में 3.05 लाख और 2009 में 2.62 लाख लोगों को रोजगार दियाऔरऔर भी

केंद्र सरकार के पास 30 जून 2010 तक नई खोजों से ताल्लुक रखनेवाले 78,792 पेटेंट के आवेदन लंबित पड़े हैं, जिनमें से करीब एक तिहाई आवेदन मेकैनिकल इंजीनियरिंग व रसायनों से संबंधित हैं। भारतीय पेटेंट कार्यालय के पास इन आवेदनों की परख के लिए उपयुक्त लोग नहीं हैं। अब जाकर 200 नए पद बनाए गए हैं। देश में 2003-04 के बाद पेटेंट आवेदनों की संख्या अचानक बढ़ गई है। साफ है कि सरकार के सहयोग के बिनाऔरऔर भी