भारत ने अमेरिका के आव्रजन नियमों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डबल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि अमेरिका ने अपने यहां काम करने के वीज़ा की लागत जिस कदर बढ़ाई है, वह बहुत ज्यादा और सरासर गलत है। यह भारतीय आईटी कंपनियों के साथ किया जा रहा भेदभाव है। डब्ल्यूटीओ में भारत की यह शिकायत अभी दो पक्षों के बीच ‘विचार-विमर्श’ के स्तर पर है। यह वो स्तर है जहां पर इसे नऔरऔर भी

अमेरिका ने भारतीय आईटी प्रोफेशनलों में लोकप्रिय रोजगार वीज़ा एच-1बी का शुल्क पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष से बढ़ाने का निर्णय किया है। भारतीय कंपनियों पर इसका नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। इस वीजा के लिए आवेदन 2 अप्रैल से किए जाएंगे। अमेरिकी सिटीजनशिप एंड एमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने एक बयान में कहा कि अमेरिका में 50 या इससे अधिक कर्मचारियों को काम पर रखनेवाली ऐसी कंपनियों के लिए एच1 वीजा आवेदनऔरऔर भी

देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने सवाल उठाया है कि चीन ने अपनी सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग के दम पर दुनिया के तमाम देशों में औसत नौकरियों के मौके खत्म कर दिए है, लेकिन उसके खिलाफ कहीं शोर नहीं होता। जबकि भारत ने आउटसोर्सिंग के काम से नौकरियों के सीमित अवसर ही खत्म किए हैं, लेकिन भारत के खिलाफ खूब हल्ला मचाया जा रहा है। नारायण मूर्ति मंगलवारऔरऔर भी

भारतीय रुपया डॉलर और यूरो जैसी विदेशी मुद्राओं के खिलाफ मजबूत होता जा रहा है। पिछले साल मार्च में रुपए की विनिमय दर प्रति डॉलर 50 रुपए के आसपास थी। लेकिन अब यह 45 रुपए के नीचे जाती दिख रही है। यानी जहां पहले एक डॉलर में 50 रुपए मिलते थे, वहीं अब 45 रुपए ही मिलते हैं। इसने अपनी आय का बड़ा हिस्सा विदेश से हासिल करनेवाली आईटी कंपनियों को परेशान कर दिया है क्योंकि डॉलरऔरऔर भी