सुप्रजीत इंजीनियरिंग है तो स्मॉल कैप कंपनी। इक्विटी 12 करोड़ रुपए है और बाजार पूंजीकरण 240 करोड़ रुपए के आसपास। लेकिन देश में वाहनों के केबल बनानेवाली सबसे बड़ी कंपनी है। वह गाड़ियों के स्पीडोमीटर भी बनाती है। कंपनी के तार विदेश तक फैले हैं। करीब छह साल पहले 2006 में इसने एक ब्रिटिश कंपनी गिल्स केबल्स का अधिग्रहण किया था जिसका नाम अब सुप्रजीत यूरोप लिमिटेड कर दिया गया है। घरेलू बाजार की मांग को पूरा करने के लिए उसने जगह-जगह दस इकाइयां लगा रखी हैं, जबकि विदेश की मांग को पूरा करने के लिए उसने दो सौ फीसदी निर्यातोन्मुख इकाइयां (ईओयू) डाल रखी हैं।
लेकिन कंपनी का शेयर लंबे समय से 20 रुपए के आसपास अटका पड़ा है। कल, 28 फरवरी 2012 को इसका एक रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीएसई (कोड – 532509) में 20.15 रुपए और एनएसई (कोड – SUPRAJIT) में 20.20 रुपए पर बंद हुआ है। महीने भर पहले 27 जनवरी को बीएसई में इसका बंद भाव 20 रुपए था। पिछले साल फरवरी में यह अधिकतम 21.65 रुपए तक गया था। अप्रैल में 23 रुपए तक उठ गया तो दिसंबर में रेंज 16.10 रुपए के न्यूनतम स्तर से लेकर 19.70 रुपए के उच्चतम स्तर तक रही।
कंपनी ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 में स्टैंड-एलोन रूप से 298.99 करोड़ रुपए की बिक्री पर 30.49 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। उसने दिसंबर 2011 तिमाही के नतीजे 31 जनवरी को घोषित किए। इसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2011-12 की तीसरी तिमाही में उसकी बिक्री 26.44 फीसदी बढ़कर 100.66 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 21.49 फीसदी बढ़कर 9.95 करोड़ रुपए हो गया। दिसंबर 2011 तक के नौ महीनों की बात करें तो साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में उसकी बिक्री और शुद्ध लाभ दोनों 26.67 फीसदी बढ़कर क्रमशः 275.20 करोड़ और 27.88 करोड़ रुपए हो गए। इन नतीजों की घोषणा के बाद 10 फरवरी को उसका शेयर ऊपर में 23.10 रुपए तक चला गया जो पिछले 52 हफ्तों का उसका सर्वोच्च स्तर है। उसके बाद वो नीचे उतर रहा है।.
फिलहाल दिसंबर 2011 तक के बारह महीनों में उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 3.03 रुपए है और उसका शेयर 6.65 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। हमारा मानना है कि चार-पांच साल के नजरिए के साथ इस स्तर पर सुप्रजीत इंजीनियरिंग में निवेश करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है। इसकी वजह है कंपनी की मूलभूत मजबूती और उसमें विकास की संभावनाएं। साथ ही यह भी कि उसका बाजार पूंजीकरण उसकी बिक्री का 4/5 हिस्सा ही है।
इस समय देश के दोपहिया वाहनों के बाजार में उसकी बनाई केबलों की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है। टीवीएस मोटर्स की वह 100 फीसदी ओईएम (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर) सप्लायर है, जबकि बजाज ऑटो की 90 फीसदी और हीरो मोटोकॉर्प की 70 फीसदी केबल मांग वह पूरी करती है। बता दें कि यह केबल मुख्य रूप से ब्रेक के सिस्टम में इस्तेमाल होती हैं। कंपनी रिप्लेसमेंट बाजार में भी सक्रिय है। देश भर में उसके करीब सवा दो सौ डिस्ट्रीब्यूटर हैं। फिलहाल रिप्लेसमेंट बाजार में असंगठित क्षेत्र का बोलबाला है। लेकिन कंपनी रिप्लेसमेंट बाजार से अपनी आय बढ़ाने की पुरजोर कोशिश में हैं। वह कारों का बाजार भी पकड़ने में लगी है। फिलहाल मारुति सुजुकी और ह्युडई मोटर्स को थोड़ा माल सप्लाई करती है।
इधर ब्याज दरों के घटने का सिलसिला जल्दी ही शुरू होनेवाला है जिससे वाहनों, खासकर दोपहिया वाहनों की बिक्री को गति मिलेगी। इसका तात्कालिक फायदा सुप्रजीत इंजीनियरिंग को मिलेगा। इसलिए यह स्टॉक दो-तीन महीने में 20-25 फीसदी का रिटर्न दे सकता है। लेकिन हमारा कहना है कि इसमें निवेश कम से कम चार साल के नजरिए से किया जाना चाहिए। इस दौरान यहां आपकी पूंजी दोगुनी हो सकती है।
ब्रोकरेज फर्म एडेलवाइस के डाटाबैंक के अनुसार पिछले तीन सालों में सुप्रजीत इंजीनियरिंग की ब्रिकी 24.44 फीसदी और मुनाफा 59.85 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। नियोजित पूंजी पर उसका रिटर्न 36.75 फीसदी और नेटवर्थ पर रिटर्न 39.84 फीसदी है। कंपनी का ऋण इक्विटी अनुपात 0.76 है। उस पर कुल 65.11 करोड़ रुपए का ऋण है। दिसंबर 2011 की तिमाही में उसने 2.48 करोड़ रुपए और तब तक के नौ महीनों में 6.25 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाया है। कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 51.84 फीसदी है और उन्होंने अपने कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं।
कंपनी के 48.18 फीसदी शेयर पब्लिक के पास हैं। इसमें से 0.04 फीसदी शेयर एफआईआई और 0.22 फीसदी शेयर डीआआई के पास हैं। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 7843 है। इसमें से 7362 यानी 93.87 फीसदी एक लाख रुपए तक लगानेवाले छोटे निवेशक हैं जिसने पास कंपनी की 15.41 फीसदी इक्विटी है। कंपनी में प्रवर्तकों के अलावा सात बड़े शेयरधारक हैं जिनके पास उसके 14.20 फीसदी शेयर हैं। इनमें टीवीएस मोटर (2.41 फीसदी), अनुशा इनवेस्टमेंट्स (4.81 फीसदी), अनिंदा शेट्टी (1.17 फीसदी), शोबिता पुंजा (2.11 फीसदी), मुल्कि रामकृष्ण भास्कर पुंजा (1.17 फीसदी), कुला रामप्रसाद राय (1.50 फीसदी) और एमर्जिंग सिक्यूरिटीज (1.04 फीसदी) शामिल हैं। कंपनी लाभांश बराबर देती है। उसका मौजूदा लाभांश यील्ड 2.23 फीसदी है।