जापान में हालात सामान्य होने लगे हैं। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के सभी छह रिएक्टरों में बिजली बहाल हो गई है। यहां से जापान में पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी और वहां की नई मांग से दुनिया में जिंसों के भाव बढ़ सकते हैं। इस बीच लीबिया पर पश्चिमी देशों के सैन्य हमलों के बाद कच्चे तेल के दाम फिर उठने लगे हैं। लेकिन यह मसला भी जल्दी ही सुलझ जाएगा। गद्दाफी लंबे समय तक खुद को बचाए नहीं रख सकता। हालांकि गद्दाफी की सेनाओं व विद्रोहियों के बीच छिड़ी जंग और पश्चिमी देशों के हमलों में आम नागरिकों की जान पर बन आई है।
बाजार फिलहाल सपाट है। सेंसेक्स 18,000 और निफ्टी 5400 से नीचे बना हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज मामूली बढ़त लेकर चल रहा है। लेकिन भारतीय बाजार के बारे में यह कड़वा सच है कि इसे ऑपरेटर नियंत्रित व संचालित करते हैं। वे वैश्विक व घरेलू घटनाओं की आड़ में अपने हिसाब से बाजार को नचा रहे हैं। जहां तक बाजार (निफ्टी) के 5400 का स्तर तोड़कर नीचे चले जाने का ताल्लुक है तो चार्टों व टेक्निकल एनालिसिस का अनुसरण करनेवाले ट्रेडर थोड़े समय के लिए बाजार पर हावी रहेंगे। अब भी उनकी दिली ख्वाहिश है कि स्क्रीन पर निफ्टी 4800 तक गिरा हुआ दिख जाए।
बाजार में अभी जिस तरह की हालत बनी हुई है, उसमें ए ग्रुप के किसी स्टॉक में 10,000 शेयरों की बिकवाली भी उसकी कमर तोड़ सकती है क्योंकि रिटेल, एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल) और सरकारी संस्थाओं की खरीद एकदम ठंडी पड़ी हुई है। मेरा मानना है कि बाजार फिलहाल 5185 से 5600 के दायरे में बंधकर चलेगा। हालांकि रिटेल, एचएनआई, डीआईआई व एफआईआई के आडे-तिरछे स्वामित्व को देखते हुए फंडामेंटल के आधार पर आनेवाले हफ्तों में तेजी के संकेत मिल रहे हैं। इस हफ्ते खातों की साफ-सफाई का काम पूरा हो जाएगा।
आपको रास्ते की बाधाएं तभी भयंकर लगती हैं जब आप मंजिल से अपनी निगाहें हटा लेते हो।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)