अगर यह सच है कि हमारी अर्थव्यवस्था बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही है और दुनिया मंदी के दलदल में धंसने जा रही है तो हमारे लोग इतनी बड़ी तादाद में भारतीय नागरिकता छोड़कर विदेश क्यों भागते जा रहे हैं? खुद विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संसद में जानकारी दी है कि पिछले 11 सालों में 16 लाख भारतीय अपनी नागरिकता छोड़कर विदेश में जा बसे। बीते साल 2022 में यह संख्या सबसे ज्यादा 2,25,620 रही है। रह-रहकर वित्तीय बाज़ार भी डरानेवाले संकेत दे देता है। मसलन, 8 मार्च को साल भर के सरकारी बॉन्ड पर यील्ड की दर 7.48% हो गई थी, जबकि दस साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड दर उस दिन 7.45% ही थी। यील्ड कर्व की यह उलटी रीत अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने का संकेत है। डॉलर 82 रुपए के ऊपर और यूरो 90 रुपए के आसपास है। फिर भी हमारा निर्यात बढ़ने के बजाय घट क्यों रहा है? अब बुधवार की बुद्धि…
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