मित्रों! न तो आपके इंतज़ार की घड़ियां खत्म हुई हैं और न ही मेरी। पढ़ाने से पहले पढ़ने में लगा हूं। एक बात तो साफ है कि निवेश के माध्यमों का जोखिम तो मै मिटा नहीं सकता। वो भविष्य में छलांग लगाने का मसला है, अनिश्चितता से जूझने का मामला है। वहां तो जोखिम हर हाल में रहेगा, कोई ‘भगवान’ तक उसे मेट नहीं सकता। लेकिन अपने स्तर पर मैं पढ़-लिखकर पक्का कर लेना चाहता हूं कि आपको अपने अज्ञान या कम जानकारी के जोखिम में न डालूं। अगर आपने आंख मूंदकर मुझ पर भरोसा किया है तो इस विश्वास की रक्षा करना मेरा दायित्व है। इस दायित्व के निर्वाह में कोई कोताही न हो, इसलिए वित्तीय क्षेत्र के गहन अध्ययन में लगा हूं। शेयर बाजार से लेकर कमोडिटी बाजार तक। स्पॉट से लेकर डेरिवेटिव ट्रेडिंग तक। इससे जो मिलेगा, आपसे सहर्ष बांटता चलूंगा।
अध्यनन और प्रयोग के तौर पर आपके सामने सोने में निवेश की सलाह पेश करना चाहूंगा। इस समय एमसीएक्स में गोल्ड मिनी (GOLDM) के जनवरी फ्यूचर्स का भाव 31,080 रुपए के आसपास चल रहा है। तमाम पहलुओं के अध्ययन से लगता है कि आगे सोने में गिरावट के आसार है। इसलिए इसमें हम शॉर्ट करने की सलाह देते हैं। यह गिरकर 29,580 रुपए तक जा सकता है। इसमें ट्रेडिंग यूनिट 100 ग्राम की है। टिक साइज़ एक रुपए प्रति दस ग्राम की है। शुरुआती मार्जिन 4 फीसदी देना होगा।
सोने के दाम गिरने और इसमें शॉर्ट करने की सलाह के पीछे तर्क यह है कि इधर अंतरराष्ट्रीय स्त पर सोने को सेफ हैवेन या सर्वाधिक सुरक्षित मानने का आधार कमज़ोर हुआ है। संकेत हैं कि अमेरिका अपने फिस्कल क्लिफ से बाहर निकल आएगा। वहां से रोजगार उपलब्धता के भी अच्छे आंकड़े आए हैं। इससे निकट भविष्य में सोने की तरफ भागने की प्रवृति धीमी पड़ सकती है। हमारा आकलन है कि यह 29,580 रुपए प्रति दस ग्राम तक जा सकता है। लेकिन हर समझदार निवेशक की तरह यहां भी स्टॉप लॉस लगाकर चलना जरूरी है। गोल्ड मिनी के जनवरी फ्यूचर्स में 32,580 रुपए का स्टॉप लगाकर चलें।
सोने के गिरने के अनुमान के पीछे एक धारणा यह भी है कि मौजूदा कैलेंडर वर्ष इस महीने खत्म हो रहा है तो हमेशा की तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम संस्थागत निवेशक टैक्स संबंधी मसलों के मद्देनजर अपनी पोजिशन काटेंगे। इसलिए दिसंबर में स्टॉक और कमोडिटी, दोनों ही बाजारों में बिकवाली होगी और नतीजतन वे गिरेंगे। नए साल में उनके उठने का सिलसिला फिर से शुरू हो सकता है।
अंत में एक बात और। गोल्ड मिनी का जनवरी फ्यूचर्स का काट्रैक्ट अक्टूबर से शुरू हो चुका है। इसकी एक्सपायरी तिथि 5 जनवरी है। बाकी आप इस कांट्रैक्ट की शर्तें खुद देख-पढ़ सकते हैं। किसी भी डेरिवेटिव के निवेश में बहुत जोखिम होता है। खासकर कमोडिटी में तो बहुत ज्यादा। उसमें भी सोना तो और भी भयंकर है क्योंकि इसमें सारा कुछ अंतरराष्ट्रीय बाजार से तय होता है और इसमें सट्टेबाजी भी नहीं, सट्टेबाजी ही चलती है। इसलिए मंजे हुए लोगों को ही इसमें हाथ डालना चाहिए। हमने तो बस प्रयोग के लिए यह स्तंभ लिखा है। यह निवेश की सलाह नहीं है क्योंकि अभी तक हमारा अध्ययन बहुत पुख्ता नहीं हुआ है। फिर भी अगर आप इसे मानते हैं तो मर्जी भी आपकी और सारा जोखिम भी आपका।
लेकिन यदि डॉलर मजबूत होता है तो रुपये पर इसके क्या प्रभाव होंगे। मुझे लगता है की ये समय है और सोना खरीदने का क्योंकि भारतीय रुपये के सुधरने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं और 2014 को मद्देनज़र रखते हुए फिस्कल प्रूडेंस को तो अगले एक – डेढ़ साल तक के लिए तो भूल ही जाना होगा। चुनावों के चलते अंधाधुन्ध सब्सिडी दी जायेगी और भारतीय रूपया और गिरेगा। इससे बचने का सरल उपाय है सोना। आप क्या कहते हो?