सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन मामले में सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। सरकार ने कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी कि जिसमें कहा गया था कि वोडाफोन इंटरनेशनल और हचिसन ग्रुप के बीच विदेश में हुए सौदे पर 11,000 करोड़ रुपए टैक्स लगाना आयकर विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन ने मगलवार को कक्ष के भीतर सुनवाई के दौरान वोडाफोन टैक्स मामले में केन्द्र की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। याचिका में केन्द्र ने दलील दी थी कि 20 जनवरी को दिए गए फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है। सरकार की दलील थी कि इस मामले में न्यायालय के निर्णय में कानून की सही तरीके से व्याख्या नहीं की गई।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग की कर नोटिस पर वोडाफोन की अपील स्वीकारते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने विदेश में हुए सौदे पर आयकर विभाग द्वारा टैक्स और पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई को सही ठहराया था।
यह भी नोट करने की बात है कि 17 मार्च को पुनर्विचार याचिका खारिज करने से पहले सरकार ने 16 मार्च को पेश वित्त विधेयक 2012 में आयकर कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया ताकि भले ही विलय व अधिग्रहण के सौदे विदेश में किए जाएं, लेकिन अगर उनका संबंध भारत में स्थित कारोबार से है तो उन सौदे पर कर लगाया जा सके। वित्त विधेयक 2012 में आयकर कानून में प्रस्तावित संशोधन 1962 से प्रभावी होगा।