सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में एंडोसल्फान कीटनाशक पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन व न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर सोलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम को 11 मई को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा।
वरिष्ठ अधिवक्ता वेणुगोपाल ने सीपीएम की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) द्वारा दायर याचिका से अदालत को अवगत कराया जिसके बाद पीठ ने यह आदेश पारित किया। डीवाईएफआई ने अपनी याचिका में न्यायालय से एंडोसल्फान को मौजूदा रूप में या बाजार में किसी अन्य रूप में बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए केन्द्र को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।
डीवाईएफआई ने दलील दी कि एक बड़ा तबका एंडोसल्फान के इस्तेमाल से सीधे प्रभावित हुआ है और 81 देशों में इस पर पहले ही प्रतिबंध लग चुका है जबकि अन्य 12 देशों ने इस पर रोक नहीं लगाई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि विभिन्न अध्ययनों में यह बात सामने आई कि एंडोसल्फान मानव विकास को भी प्रभावित कर सकता है। उसने इस संबंध में केरल के कसारगोड जिले में स्वास्थ्य को हुए गंभीर नुकसान का उदाहरण दिया।
डीवाईएफआई ने कहा कि एंडोसल्फान एकमात्र ऐसा कीटनाशक है जिसका इस्तेमाल 20 साल से कसारगोड में काजू की खेती में किया जा रहा है और इससे वहां पर्यावरण संक्रमित हुआ है।