बचत को अलग-अलग आस्तियों में लगाने को पोर्टफोलियो प्रबंधन भी कहा जाता है। आम लोग ज्यादातर निवेश बैंक एफडी, सोने या रियल एस्टेट में करते हैं। बाकी आस्तियों में निवेश इसलिए नहीं करते क्योंकि वहां मूलधन ही डूबने का रिस्क होता है। लेकिन लंबे समय में सबसे ज्यादा रिटर्न शेयरों में निवेश से मिलता है। ट्रेडिंग में भी हलचल अधिक होने से कमा सकते हैं। मगर, इसके लिए रिस्क संभालना मूल शर्त है। अब गुरु की दशा-दिशा…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.