सवाल उठता है कि जिस गौतम अडाणी ने ब्रांड इंडिया का सत्यानाश कर दिया है, उसे सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों बचाए जा रहे हैं? मोदी ने देश के भीतर ही नहीं, बाहर भी अडाणी को संरक्षण और प्रश्रय दिया। वे जब भी विदेश दौरे पर जाते, अडाणी को ज़रूर साथ ले जाते हैं। इस क्रम में अडाणी समूह ऑस्ट्रेलिया से लेकर ग्रीस, बांग्लादेश, श्रीलंका, केन्या, संयुक्त अरब अमीरात व चीन तक धंधा फैलाता गया। इसे भारत का रणनीतिक आर्थिक विस्तार बताया गया। वैसे तो दुनिया का हर देश और उसका नेतृत्व अपने उद्योपतियों को बढ़ावा देता है। इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन अडाणी जैसे तिकड़मबाज़ व दलाल किस्म के क्रोनी पूंजीपति को तरजीह नहीं देता। ट्रम्प अगर मस्क को बढ़ावा देंगे तो उनकी सामर्थ्य के चलते। चीन भी अपने उद्योग-धंधों को विदेश में बढ़ावा देता है, पर अपने वित्तीय संसाधनों के दम पर। मगर भारत में अडाणी समेत तमाम उद्योगपतियों ने विदेशी फंडिंग का सहारा लिया। अडाणी ने तो श्रीलंका के प्रोजेक्ट तक के लिए अमेरिकी फंडिंग ली। लेकिन वहां का सिस्टम पुख्ता है तो फ्रॉड में धर लिए गए। अब बुधवार की बुद्धि…
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