सत्यम के हश्र पर सवालिया निशान, गिरने का सिलसिला शुरू

पता नहीं, अब महिंद्रा सत्यम (सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज) के शेयर का क्या हश्र होगा क्योंकि बाजार उम्मीद लगा रहा था कि उसका प्रति शेयर लाभ (ईपीएस) वित्त वर्ष 2009-10 में 9 रुपए के आसपास रहेगा। लेकिन हकीकत में यह ऋणात्मक में 1.14 रुपए है क्योंकि कंपनी को 124.6 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। अगर पुराने चेयरमैन रामालिंगा राजू द्वारा लगाई गई कालिख को धोने-पोछने के लिए मुकदमेबाजी व जांच वगैरह पर किए गए 416.9 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च को निकाल दें तो कंपनी 293 करोड़ रुपए के कर-बाद शुद्ध लाभ में है। फिर भी ईपीएस दो रुपए के ऊपर नहीं पहुंचता।

ऐसे में वाकई बड़ा अनिश्चित लग रहा है कि गुरुवार को बाजार महिंद्रा सत्यम के साथ क्या करेगा और उन एनालिस्टों का क्या होगा जो कहे जा रहे हैं कि यह शेयर जल्दी ही 130 रुपए तक चला जाएगा। कुछ जानकारों का कहना है कि गुरुवार को महिंद्रा सत्यम के शेयर में भारी गिरावट आ सकती और यह 10-15 फीसदी गिरावट के साथ खुल सकता है। बता दें कि इसमें सर्किट लिमिट 20 फीसदी की है।

बुधवार को बाजार बंद होने के बाद करीब पांच बजे हैदराबाद में महिंद्रा सत्यम के निदेशक बोर्ड ने करीब दो सालों के अंतर के बाद कंपनी के नतीजे घोषित किए हैं। इससे पहले आखिरी बार कंपनी ने सितंबर 2008 की तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। उसके बाद जनवरी 2009 में कंपनी ने पूर्व चेयरमैन बी रामालिंगा राजू ने खातों में जब से करीब 8000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की बात स्वीकार ली, तभी से कंपनी की वित्तीय हालत का कोई खुलासा नहीं हुआ था। गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक 1 अप्रैल 2002 से 30 सितंबर 2008 के दौरान कंपनी के खातों में 6763.10 करोड़ रुपए की फर्जी एंट्री की गई है।

कंपनी प्रबंधन ने नए नतीजों की घोषणा को एक नई शुरुआत बताया है। कंपनी चालू साल में 3000 नए कर्मचारियों की भर्ती करेगी। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी ने समेकित स्तर पर 5481 करोड़ रुपए की आय पर 124.6 करोड़ रुपए का घाटा उठाया है। लेकिन 31 मार्च 2010 तक उसके पास 2178.6 करोड़ रुपए का कैश बैलेंस है, जबकि ऋण की मात्रा 422 करोड़ रुपए है। उसके पास मौजूदा रिजर्व भी 1645.6 करोड़ रुपए का है। बाजार के कुल लोगों का कहना है कि नतीजे जान-बूझकर खराब दिखाए गए हैं ताकि इसमें जमकर बिकवाली हो और बाद में इसके शेयर सस्ते दामों पर बटोरे जा सकें।

ताजा घोषणा के अनुसार घोटाले के उजागर होने के वित्त वर्ष 2008-09 में उसकी आय 8812.6 करोड़ रुपए और घाटा 817.68 करोड़ रुपए का रहा है। इस दौरान उसे 799.2 करोड़ रुपए घोटाले के असर से निपटने पर खर्च करने पड़े। इससे पहले 2007-08 में सत्यम ने 8473 करोड़ रुपए की आय पर 1689 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दिखाया था।

बता दें कि कंपनी पर अप्रैल 2009 के बाद से ही महिंद्रा समूह का नियंत्रण है। समूह की आईटी कंपनी टेक महिंद्रा में आईटी सर्विसेज के अध्यक्ष एल रवींद्रन ने बुधवार को कहा कि अगले दो-तीन हफ्तों में टेक महिंद्रा, महिंद्रा सत्यम को खुद में मिलाने की इच्छा की घोषणा कर देगी।

बता दें कि महिंद्रा सत्यम अभी करीब 70 देशों में सक्रिय है। उसके कुल 690 क्लाएंट हैं जिसमें से 185 कंपनियां तो फॉर्च्यून 500 की सूची में शामिल हैं। कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित वर्ल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट से अपनी ब्रांडिंग नए सिरे से शुरू कर दी है। कंपनी चालू वित्त वर्ष 2010-11 की पहली दो तिमाहियों के नतीजे 15 नवंबर 2010 को घोषित करेगी।

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