जो भावनाओं में बहता है, वो हारता है और जो भावनाओं से खेलता है, वो जीतता है। राजनीति और शेयर बाज़ार, दोनों का सच यही है। राजनीति और शेयर बाज़ार में धंधा करनेवाले लोग भावनाओं को समझकर उनसे खेलते हैं। हम टीवी चैनलों पर जो एक्जिट पोल देखते हैं, वह भी धंधा है, उसी तरह जैसे एनालिस्ट बिजनेस चैनलों पर अपना ज्ञान बघारते हैं। सही निकल गया तो वाह-वाह। गलत निकला तो सन्नाटा। अब सोमवार का व्योम…
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