देश में सुख-समृद्धि का क्या स्थिति है? कीर्ति और ऐश्वर्य की पताका कहां फहरा रही है? आम लोगों की बात करें तो खाने-पीने की चीजों की महंगाई के चलते अक्टूबर 2024 में औसत भोजन की थाली पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 52% महंगी हो गई है, जबकि इस दौरान औसत वेतन और मजदूरी 9-10% ही बढ़ी है। थोड़ा ऊपर बढ़ें तो स्कूटर व मोटरसाइकल की बिक्री 2018-19 में 2.12 करोड़ के शीर्ष पर पहूंचने के बाद 2021-22 में डूबकर दस साल के न्यूनतम स्तर पर 1.36 करोड़ पर पहुंच गई और 2023-24 में सुधरने के बावजूद 1.80 करोड़ पर पहुंच सकी। देश के ऑटो डीलरों का कहना है कि उनके पास इस समय 7.90 लाख अनबिकी कारों का अम्बार लगा है। कार निर्माता कंपनियों ने पहली छमाही में उत्पादन 18% घटा दिया। आम उपभोक्ता सामान बनानेवाली हिंदुस्तान यूनिलीवर रो रही है कि ग्रामीण इलाकों से मांग बढ़ नहीं रही। चॉकलेट जैसे खास उत्पाद बनानेवाली नेस्ले विलाप कर रही है कि शहरों में मांग घट गई है। त्योहारी सीजन में बिक्री ठंडी रही तो हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई तो लोगबाग खरीदारी के लिए घरों से कम निकले। गजब का तर्क! अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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