रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज (आरएनआरएल) के शेयरधारकों को उनके हर चार शेयर पर रिलायंस पावर का एक शेयर दिया जाएगा। अनिल अंबानी समूह की इन दोनों कंपनियों ने निदेशक बोर्ड ने रविवार को अपनी बैठक में यह प्रस्ताव पास कर दिया। इससे आरएनआरएल के शेयरधारकों को रिलायंस पावर के कुल 7150 करोड़ रुपए के शेयर मिलेंगे जिसमें से 54.84 फीसदी हिस्सेदारी के कारण प्रवर्तक परिवार को करीब 3900 करोड़ के शेयर मिलेंगे।
लेकिन शुक्रवार के बंद भाव को आधार बनाएं तो इसमें आरएनआरएल का घाटा है क्योंकि उस दिन उसका बाजार पूंजीकरण 10,394 करोड़ रुपए रहा है। इसलिए जानकारों की मानें तो सोमवार को आरएनआरएल का शेयर तेज गिरावट के साथ खुल सकता है और इसमें 20 फीसदी गिरावट संभव है क्योंकि स्वैप अनुपात के हिसाब से इसका भाव 43 रुपए के आसपास आता है। लेकिन उनकी सलाह है कि घबराहट में इसे गिरे हुए भावों पर बेचने का फायदा नहीं है। इसके बजाय इसमें बने रहते हुए चार शेयरों के एवज में रिलायंस पावर का एक शेयर ले लेना बेहतर है। दोनों कंपनियां का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण अभी 50,000 करोड़ रुपए के आसपास है।
बता दें कि शुक्रवार को बीएसई में रिलायंस पावर का शेयर 3.33 फीसदी की बढ़त के साथ 175.15 रुपए पर बंद हुआ था, लेकिन आरएनआरएल का शेयर 1.93 फीसदी कमी के साथ 63.65 रुपए पर पहुंचा था। विलय के प्रस्ताव की चर्चा बाजार बंद होने से थोड़ी ही देर पहले शुरू हुई थी। इसलिए खबर का पूरा असर सोमवार को दिखाई देगा। अब मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के साथ हुआ नया गैस आपूर्ति करार आरएनआरएल के बजाय सीधे रिलायंस पावर के नाम हो जाएगा।
असल में 7 मई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले और फिर 25 जून को आरआईएल के साथ हुए नए गैस आपूर्ति करार के बाद आरएनआरएल के बने रहने का कोई मतलब नहीं रह गया था क्योंकि मूल करार के मुताबिक उसे 2.80 डॉलर की दर पर गैस मिलती तो वह 4.20 डॉलर पर उसका व्यापार कर फायदा उठा सकती थी। पर, अब यह गुंजाइश बची नहीं थी। वैसे, आरएनआरएल के पास 3251 वर्ग किलोमीटर में कोल-बेड मीथेन निकालने के लिए चार ब्लॉक है। साथ ही इसके पास एक ब्लॉक मिजोरम में भी है जहां से तेल व गैस निकाली जा सकती है। अब ये सभी रिलायंस पावर को मिल जाएंगे।