देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी, जिसके शेयरधारकों की संख्या 35.62 लाख से थोड़ी ज्यादा है। ऐसी कंपनी की सालाना आमसभा को जब देश का सबसे अमीर शख्स सामने-सामने संबोधित कर रहा हो तो उद्योग जगत व निवेश की दुनिया का शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो उससे सुनना नहीं चाहेगा। वह भी तब, जब दो भाइयों के बीच पिछले पांच साल से चली आ रही जंग के खात्मे का एलान हो चुका है। जी हां, ऐसे ही कुतुहल और उम्मीद के बीच में शुक्रवार को दक्षिण मुंबई के बिड़ला मातोश्री सभागार के बाहर सुबह से ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरधारकों की लंबी-लबी लाइन लगनी शुरू हो गई थी।
सभागार में कंपनी की 36वीं आमसभा शुरू हुई तो सभी को भरोसा था कि अनिल अंबानी अपनी पत्नी टीना समेत इसमें जरूर शिरकत करेंगे। लेकिन वे नहीं आए। मां कोकिलाबेन और नीता अंबानी व उनके बेटे को तो आना ही था। खचाखच भरे सभागार में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जब घोषणा की कि वे अपने छोटे भाई अनिल अंबानी के समूह एडीएजी के साथ सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक रिश्ते बनाने की दिशा में अग्रसर हैं तो तालियों का शोर ऐसा उठा कि सब जैसे थम-सा गया। भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए आज का दिन ऐतिहासिक इस मायने में भी था कि आज के ही दिन 18 जून 2005 को रिलांयस के साम्राज्य का बंटवारा दोनों भाइयों में हुआ था।
मुकेश अंबानी ने दो टूक अंदाज में कह दिया कि अनिल अंबानी समूह के बिजली संयंत्र जब भी तैयार हो जाएंगे, रिलायंस इंडस्ट्रीज उन्हें प्राकृतिक गैस की सप्लाई शुरू कर देगी। उन्होंने अपने संबोधन में 7 मई को आए सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के कृष्णा गोदावरी बेसिन के डी-6 तेल क्षेत्र से निकलनेवाली गैस के आवंटन और मूल्य निर्धारण का मुख्य अधिकार भारत सरकार है और कंपनी सरकार की नीति के तहत अनिल अंबानी की बिजली कंपनियों को गैस की आपूर्ति करेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने टेलिकॉम, खासकर ब्रॉडबैंड सेवाओं में बड़े पैमाने पर उतरने की योजना भी आमसभा में पेश की। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि भारत में अब भी ब्रॉडबैंड सेवाओं की पहुंच एक फीसदी से भी कम है। उनका कहना था कि टेलिकॉम क्षेत्र पेट्रोलियम जैसा ही व्यापक आधार व संभावना पेश करता है। उन्होंने बताया कि उनकी योजना मुंबई में एक वायरलेस इन्नोवेशन केंद्र खोलने की है।
मुकेश के संबोधन के बाद सवाल-जवाब का दौर चला तो बहुत से शेयरधारकों ने दोनों भाइयों के बीच सामान्य होते रिश्तों के बारे में और ज्यादा जानना चाहा। लेकिन उनमें से कई लोग निराश दिखे। जैसे, एक शेयरधारक का कहना था कि हम रिपोर्ट पढ़ते रहे हैं कि मुकेश अऩिल की कंपनियों में निवेश करेंगे, लेकिन आज तो मुकेश ने इसका कोई जिक्र किया नहीं।