विभिन्न घोटालों को लेकर सरकार पर चारों ओर से हो रहे हमलों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा है कि यह सुशासन की जड़ों को खोखला करता है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि धूमिल करता है और अपने लोगों के आगे हमें शर्मिंदा करता है।
शुक्रवार को दिल्ली में राज्यों के मुख्य सचिवों की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह एक चुनौती है जिसका मुकाबला हमें सीधे तौर पर डटकर और तेजी से करना होगा। …भ्रष्टाचार सुशासन की जड़ों को खोखला कर रहा है। यह तीव्र विकास के मार्ग में बाधा है। यह सामाजिक समावेशीकरण के हमारे प्रयास को पूरी तरह खत्म नहीं करता तो कम से कम प्रभावित जरूर करता है। …इसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि धूमिल होती है और यह हमें अपने लोगों के समक्ष शर्मिन्दा करता है।’’
इस बुराई से निपटने के लिए कानूनी, प्रशासनिक एवं अन्य उपाए करने के संदर्भ में हाल ही में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के नेतृत्व में गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक जवाबदेही और अनियमितताओं का पर्दाफाश करने वालों को सुरक्षा प्रदान करने से जुड़े दो विधेयक संसद में पेश किए जा चुके हैं।
आंतरिक सुरक्षा की स्थिति के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश के कुछ हिस्सों में तनाव है। हालांकि गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों में काफी सफलता मिली है, लेकिन सेवाओं तक पहुंच हमेशा उतनी अच्छी नहीं रही जितनी हो सकती थी या होनी चाहिए थी।’’