अगस्त 2009 में पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी द्वारा एंट्री लोड खत्म कर देने से म्यूचुअल फंडों की आस्तियां जरूर घटी हैं, लेकिन उनका शुद्ध लाभ बहुत ज्यादा बढ़ गया है। निवेश संबंधी रिसर्च से जुड़ी फर्म मॉर्निंगस्टार की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2009-10 में म्यूचुअल फंडों को संचालित करनेवाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) का औसत शुद्ध लाभ तीन गुना या 300 फीसदी बढ़ गया है।
2009-10 में देश के सभी म्चूचुअल फंडों का शुद्ध लाभ 911 करोड़ रुपए रहा है, जबकि 2008-09 में यह 224 करोड़ रुपए ही था। हालांकि उससे पहले 2007-08 में यह 427 करोड़ रुपए था। इसलिए म्यूचुअल फंड उद्योग के लोगों का कहना है कि 2009-10 में शुद्ध लाभ के बढ़ने की मुख्य वजह 2008-09 का छोटा आधार है क्योंकि वैश्विक मंदी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई थी, जिसका असर म्यूचुअल फंडो पर भी पड़ा था। इसलिए सेबी के एंट्री लोड खत्म करने से उसे नहीं जोड़ना चाहिए। एंट्री लोड का मतलब म्यूचुअल फंडों द्वारा निवेशक की शुरुआती राशि से ही कमीशन काट लिया जाना है। अब यह व्यवस्था खत्म हो गई है और निवेशक सीधे एजेंट या डिस्ट्रीब्यूटर को ही कमीशन देता है।
वैसे, अगस्त में सेबी द्वारा एंट्री लोड खत्म करने के बाद म्यूचुअल फंडों की आस्तियां (एयूएम) घटी हैं। अगस्त 2009 में ये 7.48 लाख करोड़ रुपए थीं। लेकिन अगस्त 2010 तक ये करीब 8 फीसदी घटकर 6.88 लाख करोड़ रुपए ही रह गई हैं। इसके बावजूद म्यूचुअल फंड एएमसी का शुद्ध लाभ इसलिए बढ़ा है क्योंकि उनका तीन चौथाई निवेश कॉरपोरेट क्षेत्र या बैंकों से आता है। एंट्री लोड हटने का असर रिटेल निवेशकों पर पड़ा है, जिनका खास असर म्यूचुअल फंडों की बैलेंस शीट पर नहीं पड़ता।
2009-10 में सबसे ज्यादा शुद्ध लाभ एचडीएफसी म्यूचुअल एएमसी का 208 करोड़ रुपए रहा है। इसके बाद 195.3 करोड़ रुपए के साथ रिलायंस म्यूचुअल फंड एमएमसी दूसरे नंबर पर है। फिर यूटीआई और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का नंबर आता है। कुल 38 एएमसी में से 15 अब भी घाटे में चल रही हैं। 2009-10 के दौरान बेंचमार्क, शिनसेई, मॉरगन स्टैनले, आईडीएफसी, सहारा और बडौदा पॉयोनियर म्यूचुअल फंड एएमसी के शुद्ध लाभ में कमी आई है।
दूसरी तरफ कोटक म्यूचुअल फंड एएमसी का शुद्ध लाभ 534 फीसदी (10.3 करोड़ से 65.51 करोड़), बिड़ला सनलाइफ का 422 फीसदी (9.3 करोड़ से 48.45 करोड़), एचडीएफसी म्यूचुअल फंड का 61 फीसदी (129 करोड़ से 208 करोड़), यूटीआई म्यूचुअल फंड का 48 फीसदी (114 करोड़ से 170 करोड़) और रिलायंस म्यूचुअल फंड का शुद्ध लाभ 46 फीसदी (133 करोड़ से 195.3 करोड़) बढ़ गया है।