घबराहट व अफरातफरी के माहौल में रिटेल ट्रेडर बहुत ज्यादा चौकन्ने हो जाते हैं और दो कदम पीछे, एक कदम आगे की डिफेंसिव रणनीति अपनाते हैं। वहीं, बड़े व प्रोफेशनल ट्रेडर रिस्क को समझते हुए एक कदम पीछे, दो कदम आगे की एग्रेसिव रणनीति अपनाते हैं। असल में तमाम जानकारों का मानना है कि डेल्टा वैरिएंट भी बाज़ार को ज्यादा गिरा नहीं पाया था तो ओमिक्रॉन का असर भी अंततः कुछ दिनों बाद ठंडा पड़ जाएगा। वैसे भी शेयर बाज़ार में अभी तेज़ी का पलड़ा हावी है। यह अलग बात है कि आज जिस तरह दुनिया भर के वित्तीय बाज़ार, खासकर शेयर बाज़ार ग्लोबल हो चुके हैं, उसमें कहीं का हड़कम्प हर तरफ भूकम्प ला सकता है। इसलिए सावधानी तो हर पल बरतनी ही चाहिए। अब मंगलवार की दृष्टि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...