वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का दावा है कि हमारे सभी बैंक मजबूत हैं और हमें अपने बैंकों की क्षमता के बारे में किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए।
मुखर्जी ने शुक्रवार को पीएचडी चैंबर में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं और बैंकिंग क्षेत्र के बारे में कुछ भ्रम दूर करना चाहता हूं। हमारे सभी बैंक मजबूत हैं। उनकी पूंजी पर्याप्तता और टियर-1 के साथ ही एनपीए (कर्ज में फंसी राशि) को सीमित रखने जैसे हर मानक पर स्थिति मजबूत है।”
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज़ द्वारा भारतीय बैंकों, विशेषकर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रेटिंग घटा दिए जाने के बाद उपजी भ्रम की स्थिति को उन्होंने दूर किया। मूडीज ने अक्टूबर में स्टेट बैंक की आस्तियों (दिए गए कर्ज) की गुणवत्ता की बिगड़ती स्थिति और बढ़ते एनपीए को देखते हुए उसकी रेटिंग घटा दी थी।
मुखर्जी ने जोर देकर कहा, “हमारे बैंकिंग सेक्टर के बारे में मूडीज की क्रेडिट रेटिंग की वजह से कुछ शंकायें खड़ी हुई। लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारे बैंकों की पूंजी पर्याप्तता 9 फीसदी, बेसल-दो नियमों के अनुरूप इक्विटी पूंजी औसत उचित स्तर पर है जबकि कर्ज में फंसी राशि बैंकों के कुल कर्ज का एक फीसदी से भी कम है।”