प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कडा रूख अख्तियार करते हुए कहा है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में घपला करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा और कानून अपना काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन को साफ-सुथरा करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।
गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा पर जवाब देते हुए सिंह ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का जबरदस्त बचाव करते हुए विपक्ष पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा, ‘‘लोग घोटालों की बात करते हैं, यदि कोई घोटाला है तो उसकी जांच होनी चाहिए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आलोचना उचित है लेकिन यदि लोग इरादों पर शक करना शुरू कर दें तो यह संसदीय प्रणाली के लिए अच्छा नहीं है। किसी भी गलत काम करनेवाले को बख्शा नहीं जाएगा। कानून से कोई बच नहीं पाएगा। जब-जब विश्वसनीय साक्ष्य मिले हैं, गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।’’
एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन विवाद पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके कार्यालय को अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई देवास को दो उपग्रहों पर ट्रांसपोंडर फ्रीक्वेंसी के आवंटन के समझौते संबंधी दस्तावेज मंजूरी के लिए कभी नहीं मिले। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने जानना चाहा कि देवास मल्टीमीडिया और इसरो की व्यावसायिक शाखा अंतरिक्ष (Antrix) के बीच हुए सौदे को प्रधानमंत्री कार्यालय में किसने मंजूरी दी थी। इस पर हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री सिंह ने कहा ‘‘सौदे की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से कहे जाने का सवाल ही नहीं है। यह इस स्तर पर कभी आया ही नहीं।’’
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष इसरो की एक व्यावसायिक शाखा है और सामान्य तौर पर देवास के साथ हुए इसके सौदे के दस्तावेज मंजूरी के लिए सरकार के पास नहीं आए। उन्होंने कहा कि आम तौर पर ऐसी बातें इसरो तक ही सीमित रहती हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायण सामी ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग द्वारा 1992 में स्थापित अंतरिक्ष कॉरपोरेशन लिमिटेड ने जनवरी 2005 में दो भूस्थिर उपग्रहों के एस-बैंड स्पेक्ट्रम में अंतरिक्ष खंड क्षमता (स्पेस सेगमेंट कैपेसिटी) के भाग को लीज पर देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।