एक्ज़िट पोल को सही मानें तो मोदी सरकार फिर सत्ता में आने जा रही है। वैसे, असली नतीजे कल मतगणना के बाद ही सामने आएंगे। जो भी हो, मोदी सरकार रहे या इंडिया गठबंधन की सरकार आ जाए, देश की अर्थव्यवस्था को कोई फर्क नहीं पड़नेवाला। आर्थिक उदारवाद का जो सिलसिला 33 साल पहले 1991 में शुरू हुआ था, वह बदस्तूर जारी रहेगा। हां, इतना ज़रूर होगा कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर जो झांकी बनाती रही है, वह मिट जाएगी। हमारा जीडीपी अगर वित्त वर्ष 2022-23 में 8.2% बढ़ा है तो इंडिया गठबंधन की सरकार आने पर इसमें सुधार ही होगा। मोदी सरकार रहे या इंडिया गठबंधन की सरकार आ जाए, भारत अगते तीन साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन ही जाएगा। हां, इतना ज़रूर होगा कि देश में आर्थिक विकास का आधार व्यापक हो जाएगा। इसमें महिलाओं और नौजवानों की भागीदारी बढ़ जाएगी। इस समय जिस तरह अडाणी और अम्बानी जैसे मुठ्ठी भर उद्योगपतियों को ज़रूरत से ज्यादा बढ़ावा व प्रश्रय दिया जा रहा है, उसके बजाय देश में रोज़गार-सृजन से लेकर निर्यात बढ़ाने के मूलाधार एमएसएमई क्षेत्र को भऱपूर प्रोत्साहन दिया जाएगा। शेयर बाज़ार भी थोड़ा दबने के बाद बम-बम करने लगेगा। इतिहास गवाह है कि मनमोहन के दस साल में मोदी के दस साल से ज्यादा रिटर्न मिला था। अब सोमवार का व्योम…
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