आम तौर पर बाज़ार में खरीदने व बेचने के दो तरह के सिग्नल रहते हैं। पहला सिग्नल खुद बाज़ार देता है जो मांग व सप्लाई की स्थिति पर आधारित है और भावों व उनके चार्ट पर झलकता है। दूसरे सिग्नल में ब्रोकरेज़ व एनालिस्टों की रिपोर्ट, सकारात्मक, नकारात्मक खबरें, डाउनग्रेड व अपग्रेड जैसी बाकी सारी चीजें शामिल हैं। एक सिग्नल आपको सच्चाई से रूबरू कराता है, जबकि दूसरा सिग्नल शुद्ध बकवास होता है। अब बुध की बुद्धि…
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