खाद्य मुद्रास्फीति में एक अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मामूली गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन प्रमुख खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी के कारण यह अब भी 9.32 फीसदी के ऊंचे स्तर पर है। थोक मूल्यों पर निकाली जानेवाली इस खाद्य मुद्रास्फीति की दर 24 सितंबर को खत्म सप्ताह में 9.41 फीसदी पर थी।
वैसे, हमारे नियामक इस बात पर संतोष जताते हैं कि पिछले साल के समान सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 17.14 फीसदी थी। लेकिन इस बार कमी की वजह भी पिछले साल का ऊंचा स्तर या ‘बेस इफेक्ट’ है। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक अक्टूबर को खत्म हफ्ते में साल दर साल आधार पर सब्जियों की कीमत 13.01 फीसदी बढ़ी है।
इस दौरान आलू की कीमतों में 3.79 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं, दूध 10.35 फीसदी मंहगा हुआ और फल की कीमत 12.19 फीसदी बढ़ी जबकि अंडा, मीट और मछली जैसी प्रोटीन आधारित चीजें सालाना स्तर पर 9.92 फीसदी महंगी हुई। अनाज की कीमत सालाना स्तर पर 5.41 फीसदी बढ़ी जबकि चावल 5.86 फीसदी और दाल 6.87 फीसदी महंगी हुई। हालांकि प्याज की कीमत सालाना स्तर पर 10.15 फीसदी और गेहूं की कीमत 0.24 फीसदी नीचे आई है।
एक अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति 10.60 फीसदी रही जो पिछले सप्ताह के 10.84 फीसदी के स्तर से कम है। थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक उत्पादों को योगदान 20 फीसदी है। समीक्षाधीन सप्ताह में गैर खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति 9.59 फीसदी रही जबकि पिछले सप्ताह यह 10.77 फीसदी थी। गैर खाद्य उत्पादों में फाइबर, तिलहन और खनिज जैसे उत्पाद शामिल हैं।