मान्यता है कि भारतीय बाज़ार का रुख विदेशी निवेशक संस्थाएं तय करती हैं। हो सकता है कि लंबे समय का सच यही हो। लेकिन फिलहाल तो लगता है कि देशी निवेशक संस्थाएं बाज़ार का रुख तय करने लगी हैं। जून महीने में अब तक हर दिन उन्होंने कैश सेगमेंट में शुद्ध खरीद की। इस दौरान विदेशी संस्थाओं की भारी बिकवाली के बावजूद बाज़ार बढ़ा है। देखते हैं, यह रुख कितना टिकता है। चलिए, करें शुक्रवार का अभ्यास…
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