रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को गलत बताया कि उनका रेल बजट लोकलुभावन या पश्चिम बंगाल केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बजट में पूरे देश का ध्यान रखा है और हर क्षेत्र के लिए परियोजनाएं दी हैं।
लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-2012 का रेल बजट पेश करने के बाद संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ममता ने सीपीएम के उस आरोप को भी गलत बताया कि उन्होंने रेलवे को कंगाल बना दिया है। उन्होंने उल्टे कहा कि पश्चिम बंगाल की उनकी सरकारकंगाल है जिस पर दो लाख करोड़ रूपए का कर्ज है।
लोकलुभावन बजट के आरोपों का जवाब देते हुए ममता ने कहा ‘‘वे अवसरवादी लोग हैं। अगर यह आम लोगों के अनुकूल बजट है तो ठीक है, इसे लोकलुभावन रहने दें। जब वे जानते हैं कि वे मुकाबला नहीं कर सकते तो वे इसी तरह का आरोप लगाते हैं। हमने जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और असम सहित पूरे देश के लिए परियोजनाएं दी हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी कल तक यह कह रहे थे कि रेलवे लाभांश अदा नहीं कर पाएगा। आज आपने देखा हमारा जादू। हमारी वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है। हमें थोड़ी सी वित्तीय कठिनाई छठे वेतन आयोग की सिफारिशें को लागू करने के कारण हुई है।
रेल दुर्घटनाओं को उछालने, पर अच्छे कामों पर संज्ञान नहीं लेने के बारे में रेल मंत्री ने बजट में शायराना अंदाज में अपनी शिकायत रखते हुए कहा, ‘‘ हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता।’’ ममता ने कहा, ‘‘भारतीय रेल अपने वादों को हालांकि पूरा करती है मगर ज्यादा प्रचार नहीं करती है। इसलिए यह सदन और देश हमारी उपलब्धियों या हम जो काम कर रहे हैं, उसके बारे में नहीं जान पाता।’’