अर्थव्यवस्था व बाज़ार के लिए शुभ नहीं!

इस समय अपनी अर्थव्यवस्था ही नहीं, शेयर बाज़ार तक का हाल विचित्र है। अर्थव्यवस्था में 17% का योगदान करनेवाली केंद्र व राज्य सरकारों का हाल दुरुस्त है। मगर, बाकी 83% योगदान करनेवाले छोटे-बड़े उद्योगों व आम घरों का हाल पस्त है। शेयर बाज़ार में उन कंपनियों के शेयर चमकते ही जा रहे हैं, जिनका धंधा सरकारी खपत पर टिका है। आईआरबी इंफ्रा जैसी कंपनी का शेयर साल भऱ तीन गुना हो चुका है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर एचएएल तक आसमान छूते जा रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि सरकारी बैंकों के शेयर नई ऊंचाई छू रहे हैं, जबकि शानदार बिजनेस मॉडल वाले निजी बैकों के शेयर धूल फांक रहे हैं। शुद्ध सट्टेबाज़ी वाले शेयर भी तेज़ी के पुष्पक विमान पर सवार हैं। बीएसई लिमिटेड का शेयर 28 मार्च 2023 से 5 फरवरी 2024 के बीच 11 महीने से भी कम वक्त में 406.20 रुपए की तलहटी से 2598.95 रुपए की चोटी तक 6.40 गुना उछल गया। दूसरी तरफ आम घरों की खपत पर टिकी हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर, पिडिलाइट व मैरिको जैसी जानदार कंपनियों के धंधे से लेकर शेयरों तक में मंदा छाया हुआ है। यह अर्थव्यवस्था व शेयर बाज़ार के लिए कतई शुभ नहीं। अब तथास्तु में आज की कंपनी…

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