संसद की उच्च सदन की आचार समिति ने कहा है कि राज्यसभा के सदस्यों की आस्तियों और धन का ब्यौरा वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। समिति ने हालांकि कहा है कि कोई भी व्यक्ति संसद सदस्यों की परिसम्पत्तियों और देनदारियों के बारे में सम्पत्ति और देनदारी नियम, 2004 के तहत राज्यसभा के सभापति से लिखित में अनुमति लेकर जानकारी प्राप्त कर सकता है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दी गई जानकारी में राज्यसभा ने कहा कि सदन के सभापति ने इस बात की व्यवहार्यता का पता लगाने का निर्देश दिया था कि क्या घोषणा संबंधी रजिस्टर में दर्ज सदस्यों की परिसम्पत्तियों और देनदारियों को वेबसाइट पर डाला जा सकता है? इस विषय पर आचार समिति से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
जवाब में कहा गया है कि, ‘‘समिति ने अपनी बैठक में इस विषय पर विचार किया और सर्वसम्मति से महसूस किया कि सम्पत्ति और देनदारी नियमों के उप नियम 4 (4) में इस विषय में प्रावधान किए गए हैं और कोई भी व्यक्ति राज्ससभा के सभापति से लिखित अनुमति लेकर इस सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है।’’
आरटीआई कार्यकर्ता एस सी अग्रवाल के प्रश्न के जवाब में जनसम्पर्क अधिकारी सुनीता शेखरन ने कहा कि आचार समिति के विचार से कोई भी व्यक्ति रजिस्टर में दर्ज जानकारी प्राप्त कर सकता है और इसे वेबसाइट पर जारी करने की जरूरत नहीं है।