नितिन फायर प्रोटेक्शन इंडस्ट्रीज (बीएसई कोड – 532854, एनएसई कोड – NITINFIRE) तीन दशक पुरानी कंपनी है। तमाम अग्निशामक उपकरणों के साथ ही सीएनजी सिलेंडर भी बनाती है। राजस्थान के एक ऑयल ब्लॉक से कच्चा तेल निकालने के लिए बने कंसोर्टियम में भी 10 फीसदी हिस्सेदारी रखती है। उसकी एक सब्सिडियरी ने दुबई की एक फायर प्रोटेक्शन कंपनी में 40 फीसदी हिस्सेदारी ले रखी है। चालू वित्त वर्ष 2010-11 में जून की तिमाही में उसकी आय 67.3 फीसदी बढ़ी है। लेकिन ब्याज पर खर्च 143 फीसदी बढ़ जाने के कारण शुद्ध लाभ में 10.12 फीसदी की कमी आई है। वैसे, खास बात यह है कि इस दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय से मिली उसकी आय 130 फीसदी बढ़ गई है।
कंपनी का दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर अभी बीएसई में 317.95 रुपए पर चल रहा है। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 421.60 रुपए (10 मार्च 2010) और न्यूनतम स्तर 259 रुपए (22 दिसंबर 2009) रहा है। आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज ने पिछले महीने 17 अगस्त को जारी रिसर्च रिपोर्ट में इसे 332 रुपए पर खरीदने की सिफारिश की थी और कहा था कि यह शेयर 12 महीनों में 13 फीसदी बढ़त के साथ 376 रुपए तक जा सकता है। उसके बाद यह 4.21 फीसदी गिर चुका है। लेकिन रिसर्च आधारित लक्ष्य को सही माना जाए तो इस पर साल भर का संभावित रिटर्न अब 18 फीसदी से अधिक हो जाता है।
इस समय कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू 88.80 रुपए है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 10.91 रुपए है और उसका शेयर 29.13 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। हालांकि सभी सब्सिडियरी इकाइयों को मिलाकर कंपनी का ईपीएस 2009-10 में 34.9 रुपए रहा है। आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज का आकलन है कि उसका समेकित या कंसोलिटेड ईपीएस चालू वित्त वर्ष 2010-11 में 40.9 रुपए और अगले वित्त वर्ष 2011-12 में 47 रुपए हो जाएगा। इस तरह साल भर बाद के ईपीएस से उसके शेयर का भाव अभी 6.77 गुना है। अगर इस पी/ई अनुपात को 8 भी रखे तो शेयर का भाव 376 रुपए हो जाना चाहिए।
कंपनी की इक्विटी पूंजी 12.06 करोड़ रुपए है। इसमें प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 70.15 फीसदी है, जबकि म्यूचुअल फंडों के पास 12.06 फीसदी और एफआईआई के पास 6.2 फीसदी शेयर हैं। आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज की मानें तो दूरगामी निवेश के लिए यह एक सुरक्षित और ठीकठाक रिटर्न देनेवाला स्टॉक है। लेकिन हाल-फिलहाल इसमें बढ़ने का ऐसा कोई खास ट्रिगर नहीं है। वोल्यूम ज्यादा नहीं होता। लेकिन जरा-सी हवा लगते ही इसमें आग लगने की पूरी गुंजाइश है।