केंद्र सरकार ने 19 राज्यों में 152 लाख टन अतिरिक्त अनाज रखने के लिए गोदाम बनाने की इजाजत दे दी है। इसमें से 72.65 लाख टन भंडारण क्षमता का निर्माण निजी उद्यमियों, केन्द्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगमों (एसडब्ल्यूसी) द्वारा किया जाएगा। इस भंडारण क्षमता का निर्माण अगले एक साल में कर लिया जाएगा। बाकी 79.35 लाख टन क्षमता के गोदाम बनाने का काम भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) करेगा।
अब तक निजी निवेशकों के लिए 53.32 लाख टन, सीडब्ल्यूसी के लिए 5.31 लाख टन और एसडब्ल्यूसी के लिए 15.01 लाख टन भंडारण क्षमता लगाने की निविदा को मंजूरी दे दी जा चुकी है। मंत्रालय और एफसीआई की तरफ से साप्ताहिक स्तर पर इसकी प्रगति की निगरानी की जा रही है। विभिन्न राज्यों के एसडब्ल्यूसी को आवंटित गोदामों के निर्माण के प्रगति के समीक्षा के लिए बैठक भी की गई।
खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग ने उत्तर-पूर्वी राज्यों में अनाज भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए 568 करोड़ रूपए की लागत से 5.4 लाख टन क्षमता के निर्माण के लिए एक योजना भी तैयार की है। इस संबंध में एक प्रस्ताव पर 1 जुलाई, 2011 को व्यय वित्त समिति (ईपीसी) की बैठक में विचार भी किया गया।
केन्द्र सरकार द्वारा 7 से 10 साल की गारंटी योजना के तहत निजी निवेशकों द्वारा गोदामों के निर्माण संबंधी योजना की घोषणा भी की गई है। इसमें यह भी निर्णय लिया गया कि सीडब्ल्यूसी या एसडब्ल्यूसी इस योजना के तहत अपने खुद की भूमि पर गोदामों का निर्माण कर सकते हैं।