कहते हैं कि शेयर बाज़ार उद्यमों/कंपनियों की ‘प्राइस डिस्कवरी’ या ‘मूल्य निर्धारण’ का माध्यम है। जाहिर है कि ‘मूल्य निर्धारण’ वही कर सकता है जिसके पास भरपूर धन हो। क्या हम-आप कभी आईपीएल के खिलाड़ियों की बोली लगा सकते हैं? इसलिए शेयर बाज़ार में उतरते वक्त हमें हमेशा अपनी औकात याद रखनी चाहिए। नहीं तो इस नदी में हम मछलियों की तरह किसी न किसी उस्ताद में कांटे में फंस जान गवां बैठेंगे। अब गुरु की दशा-दिशा…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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