म्यूचुअल फंड दम भरना चाहते हैं कि उन्होंने पिछली तिमाही व पहली छमाही में निवेश के इतने सही फैसले लिए कि उनकी तमाम स्कीमों का शुद्ध आस्ति मूल्य (एनएवी) बढ़ गया है। इसके लिए सितंबर के दूसरे में उन कंपनियों के शेयर खरीदते जाते हैं जो पहले से बढ़ रहे होते हैं। उनकी इस खरीद से सेंसेक्स और निफ्टी या दूसरे शब्दों में कहें तो बाजार बढ़ जाता है। पलटकर इसका सीधा असर म्यूचुअल फंडों की यूनिटों के भाव बढ़ने के रूप में सामने आता है। अंततः वे आम निवेशकों को यह कहकर रिझाने में सफल हो जाते हैं कि आप पहले भले ही चूक गए हों, लेकिन अभी व आगे मत चूकना। अब मंगलवार की दृष्टि…
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