पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने तय कर दिया है कि 1 जून 2010 के बाद से कोई भी व्यक्ति तब तक किसी भी रूप में म्यूचुअल फंड उत्पाद नहीं बेच सकता, जब तक उसने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्यूरिटीज मार्केट्स (एनआईएसएम) से जरूरी परीक्षा पास कर सर्टिफिकेट न हासिल कर लिया हो। यह शर्त म्यूचुअल फंड के वितरकों व एजेंटों से लेकर ऐसी किसी भी व्यक्ति पर लागू होती है जो किसी न किसी रूप में म्युचुअल फंड की बिक्री या वितरण से जुड़ा हुआ होगा। यह आदेश खुद सेबी के चेयरमैन सी बी भावे की तरफ से जारी किया गया है। एनआईएसएम की स्थापना सेबी ने एक पब्लिक ट्रस्ट के रूप में की है।
अभी तक म्यूचुअल फंड के वितरकों व एजेंटों के लिए एम्फी का एडवाइजर्स मोड्यूल पास करना पर्याप्त था। वैसे जिन वितरकों व एजेंटों ने 1 जून 2010 से पहले एम्फी का मोड्यूल पास कर रखा है, उनके लिए एनआईएसएम की परीक्षा पास करना जरूरी नहीं है। लेकिन आगे कोई भी व्यक्ति एनआईएसएम की परीक्षा पास किए बिना म्यूचुअल फंड उत्पादों की बिक्री नहीं कर सकता है। सेबी का यह कदम म्यूचुअल फंड उद्योग को जवाबदेह, प्रोफेशनल और निवेशकों के अनूकूल बनाने की कोशिशों का हिस्सा है। सेबी ने इसकी शुरुआत अगस्त 2009 में म्यूचुअल फंड स्कीमों में कमीशन या एंट्री लोड खत्म करने से की थी।
महत्वपूर्ण जानकारी