मुद्रा को अंग्रेजी में मनी कहते हैं जो खुद लैटिन के शब्द मोनेटा से निकला है। इटली को लोक कथाओं के अनुसार मोनेटा स्वर्ग की रानी, देवी जूनों का शुरुआती नाम है। प्राचीन काल में रोम में सिक्कों की ढलाई का काम भी जूनों के मंदिरों में होता था। शायद यही चलन मोनेटा से होते हुए मनी तक पहुंचने का सबब बन गया। आज तो मुद्रा को रेलवे स्टेशन पर शंटिंग करनेवाले इंजिन की तरह मानते हैं जो एक बार डिब्बों को एक लाइन पर खींचता है, फिर धकेलकर दूसरी लाइन पर डाल देता है। उसका काम हर डिब्बे को सही पटरी पर लाना होता है। मुद्रा साधन है, साध्य नहीं।
2010-05-25