अपने शेयर बाज़ार में युवा निवेशकों की संख्या बढ़ती जा रही है। जुलाई 2025 तक की स्थिति के अनुसार हर पांच में से दो निवेशकों की उम्र 30 साल से कम है। इन 40% युवा निवेशकों को अच्छे रिटर्न की उम्मीद रही होगी क्योंकि बाज़ार ने 1995 से अब तक औसतन 12.5% सालाना रिटर्न दिया है और मार्च 2020 के बाद तो निफ्टी-500 का औसत सालाना रिटर्न 29% रहा है। लेकिन पिछले एक साल ने उनको निराश कर दिया होगा। इस दौरान निफ्टी-500 और निफ्टी-50 क्रमशः 7.25% और 5.82% गिरे हैं। साल भर पहले 27 सितंबर 2024 को निफ्टी-500 सूचकांक 24,489.55 और निफ्टी-50 सूचकांक 26,178.95 पर बंद हुआ था, जबकि 26 सितंबर 2025 को ये सूचकांक क्रमशः 22,713.15 और 24,654.70 पर बंद हुए हैं। दिक्कत यह है कि निफ्टी-500 सूचकांक में शामिल कंपनियों की बिक्री महज इकाई अंक में बढ़ी तो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर 2024 के बाद से अपने शेयर बाजार से ₹2.4 लाख करोड़ निकाल लिए। सामने से म्यूचुअल फंडों में एसआईपी से इससे ज्यादा ₹3.6 लाख करोड़ आए। लेकिन इससे बाज़ार में न तो जान आई और न ही एफपीआई के निकलने की भरपाई हुई। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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