अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भरोसा जताया है कि भारत के आर्थिक हालात जल्दी ही बेहतर हो सकते हैं। उसने भारत की संप्रभु रेटिंग को बीएए3 पर कायम रखते हुए कहा है कि इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर सात फीसदी से नीचे आ सकती है। फिर भी यह बीएए3 की साख वाले देशों के औसत से अधिक रहेगी।
मूडीज का यह रवैया काफी उत्साहजनक है। खासकर तब, जबकि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स अमेरिका की रेटिंग को एएए से घटाकर एए+ कर चुका है। यही नहीं, दुनिया में जापान, बेल्जियम, इटली, स्पेन व हंगरी जैसे 15 देशों की रेटिंग घटाई जा चुकी है।
मूडीज ने बुधवार को कहा कि नीतिगत कमजोरियों के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक माहौल की अनिश्चितता के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.5 फीसदी से घटकर सात फीसदी से भी नीचे आ सकती है। पिछले पांच सालों में हमारी औसत वृद्धि दर 8.5 फीसदी रही है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ महीनों में देश में ब्याज दर ऊंची रखने की नीति और धुंधली वैश्विक आर्थिक तस्वीर, दोनों ने मिलकर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के उत्पादन और निवेश की स्थिति को प्रभावित किया है। लेकिन यह चक्र 2012-13 के दौरान किसी समय बदल सकता है और मुद्रास्फीति मौजूदा नौ फीसदी के स्तर से घट सकती है। इससे सख्त मौद्रिक नीति में धीरे-धीरे बदलाव किया जा सकता है।
एजेंसी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बचत व निवेश के मौजूदा स्तर के सहारे मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार लीक पर आ जाएगी। सरकार भी मान चुकी है कि देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2011-12 में 7.25 से 7.75 फीसदी के बीच रह सकती है।