प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को देश का प्रधानसेवक बताने से नहीं थकते। लेकिन मोदी सरकार किसकी मालिक और किसकी गुलाम हैं, इसे समझने के लिए केवल एक उदाहरण काफी है। बजट से पहले आम से लेकर खास तक, सभी लोग मांग कर रहे थे कि बीमा प्रीमियम पर लिया जा रहा 18% जीएसटी खत्म या कम कर दिया जाए। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। वहीं, केंद्र सरकार 2016 से ही गूगल, मेटा और अमेज़ॉन जैसी अमेरिकी कपनियों से ऑनलाइन विज्ञापनों पर जो 6% ‘गूगल’ टैक्स ले रही थी, उसे इस बार के बजट में नया संशोधन लाकर मंगलवार, 1 अप्रैल से खत्म कर दिया गया। इन्हीं कंपनियों की डिजिटल सेवाओं पर लिया जा रहा 2% शुल्क वो साल भर पहले ही माफ कर चुकी है। इससे पहले एलन मस्क ने इशारा भर किया और मोदी सरकार ने बाकायदा नई नीति बनाकर टेस्ला समेत तमाम इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क 110% से घटाकर सीधे 15% कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने खुशी जताई है कि भारत अमेरिकी आयात पर खुद ही शुल्क काफी करने जा रहा है। कस्टम ड्यूटी घटाने लेकर अमेरिका से खटारा एफ-35 लड़ाकू जेट खरीदने का सारा काम सीधे मोदी अगुआई में पीएमओ की मर्जी से हो रहा है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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