बुधवार को सुबह-सुबह प्री-ओपन सत्र में सेंसेक्स के 386.80 अंक और निफ्टी के 123.70 अंक बढ़ जाने से वित्त मंत्री प्रणव मुखजी इतने प्रफुल्लित हो गए कि बोल पड़े कि भारतीय शेयर बाजार बहुत जल्द अगले कुछ दिनों में ही पटरी पर आ जाएगा। मुखर्जी ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार मिलकर बाजार में स्थायित्व लाने की कोशिश में लगे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सिस्टम में विदेशी मुद्रा की कोई तंगी न रहे।
वित्त मंत्री ने राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत क दौरान कहा कि एक बात तय है कि भारतीय बाजार में निवेशकों का भरोसा लौट रहा है। बाजार में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और अगले कुछ दिन में बाजार पूरी तरह दुरुस्त हो जाएगा। बात दें कि बुधवार को एशियाई बाजारों में तेजी के रुख के अनुरूप भारतीय शेयर बाजार में भी पिछले छह से चली आ रही गिरावट पर ब्रेक लग गया। 9 से 9.15 बजे तक चलनेवाले प्री-ओपन सत्र में ही सेंसेक्स लगभग 386.80 अंक बढ़ गया। हालांकि शाम को कारोबार की समाप्ति पर यह 272.60 अंकों की बढ़त के साथ 17130.15 अंक पर बंद हुआ। पिछले छह सत्रों में सेंसेक्स में 1,455 अंक की गिरावट आई थी।
स्टैंडर्ड एंड पुअर्स द्वारा अमेरिका की रेटिंग घटाने जाने के मद्देनजर पैदा हुए वित्तीय संकट के बारे में मुखर्जी ने कहा कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय आपसी सहयोग से मिलकर काम कर रहे हैं। जो भी जरूरी कदम होंगे, उठाए जाएंगे। बाजार में विदेशी मुद्रा की उपलब्धता या लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा अगले दो साल के लिए ब्याज दरों को लगभग शून्य के स्तर पर रखने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि इसका भारतीय बाजारों पर थोड़ा असर पड़ेगा, जो भारी गिरावट के बाद अब स्थिरता की दिशा में बढ़ रहे हैं।
नोट करने की बात है कि बुधवार को फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा अमेरिका में ब्याज दरें शून्य के स्तर पर रखने के ऐलान के बाद दुनिया भर के शेयर बाजारों में पिछले कई दिनों से चली आ रही गिरावट थम गई। वैश्विक बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के चलते बीएसई का सेंसेक्स 1.62 फीसदी की शानदार बढ़त के साथ 17,130.51 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 1.74 फीसदी सुधरकर 5161 अंक पर पुहंच गया।
आश्चर्यजनक रूप से आईटी सेक्टर में भी तेजी दर्ज हुई जबकि इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही थी कि अमेरिका में मंदी की आशंका के चलते आईटी सेक्टर कमजोर रह सकता है। ऑटो, मेटल और बैंकिंग सूचकांक में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज हुई। यूरिया पर मूल्य नियंत्रण हटाने की खबर का व्यापक असर नजर आया और तमाम उर्वरक कंपनियों के शेयर बढ़ गए। हालांकि एफएमसीजी और तेल व गैस सेक्टर को इस तेजी का लाभ नहीं मिला और इसके शेयर गिरावट में रहे।