इस साल संसद के शीत सत्र के अंत तक सभी राज्यों में चल रही मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना) के कामकाज का ऑडिट संसद के सामने रख दिया जाएगा। यह ऑडिट भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) की तरफ से किया जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में सीएजी से मुलाकात के बाद यह घोषणा की।
मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए श्री रमेश ने कहा कि अक्तूबर के अंत तक मंत्रालय को मसौदा रिपोर्ट मिल जाएगी और नवंबर के अंतिम हफ्ते तक संसद के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा के ऑडिट में वर्ष 2007 से 2011 तक की अवधि शामिल होगी। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय रोजगार गारंटी योजना पर प्रति वर्ष लगभग 40,000 करोड़ रुपए का व्यय करता है।
उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास योजना के ऑडिट का काम अगले वर्ष से शुरू किया जाएगा और मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के लिए ऑडिट की प्रणाली का विस्तार किया जाएगा। मंत्री महोदय ने यह जानकारी भी दी कि इस वर्ष से सभी ग्राम पंचायतों का प्रमाणन सीएजी द्वारा तैयार जिला स्तरीय पैनल के एक चार्टर्ड अकांउटेंट से होना अनिवार्य है।