अपना शेयर बाज़ार तेज़ी के ऐतिहासिक शिखर तक जा पहुंचा है। सेसेंक्स 9 अप्रैल को 75,000 के पार चला गया, जबकि निफ्टी 25,000 तक पहुंचने की तैयारी में हैं। एनएसई का निफ्टी-50 सूचकांक इस समय 23.08 और बीएसई का सेंसेक्स-30 सूचकांक 25.37 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। यह वो स्तर है जो प्रोफेशनल निवेशकों को असहज बना देता है और वे निवेश बढ़ाने के बजाय मुनाफा निकालने की सोचने लगते हैं। शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जमकर मुनाफा निकाला तो देशी संस्थाओं (डीआईआई) की बड़ी खरीद के बावजूद निफ्टी 1.03% और सेंसेक्स 1.06% गिर गया। कहीं ऐसा न हो जाए कि एकाध महीने में बाज़ार 20-25% टूट जाए। कारण यह है कि बम-बम करते प्रचार के बीच कुछ नकारात्मक खबरें भी आने लगी हैं। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था साल 2023 में भले ही 7.7% बढ़ी हो, लेकिन इसकी विकास दर चालू साल 2024 में घटकर 6.1% पर आ सकती है। सबसे बड़ी अनिश्चितता लोकसभा चुनावों को लेकर है। मोदी सरकार बहुमत से दूर रह गई तो? तब बाज़ार में पिछले कुछ सालों के दौरान पतंगों की तरह आए निवेशकों में भगदड़ मच गई तो! अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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