अगर आप शेयरों की ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो डब्बा ट्रेडिंग का नाम ज़रूर सुना होगा। हर गैर-कानूनी काम की तरह यह भी हल्के-फुल्के मुंगेरीलाल टाइप लोगों को खूब खींचता है। कोई लिखा-पढ़ी नहीं, रिकॉर्ड नहीं, सारा लेनदेन कैश में, सारी कमाई काली। इनकम टैक्स देने या रिटर्न भरने का सवाल ही नहीं। सारे सौदे स्टॉक एक्सचेंज के बाहर होते हैं तो सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स भी नहीं। कोई दिक्कत आने या ठगे जाने पर एक्सचेंज या थाना-पुलिस से इसमें भाग लेनेवालों को कोई मदद नहीं मिल सकती। भारत सरकार ने डब्बा ट्रेडिंग को न तो मान्यता दे रखी है, न ही किसी रूप में इसे बढ़ावा देती है। लेकिन दशकों से यह धंधा इंदौर से लेकर सूरत, लुधियाना, कानपुर व रांची जैसे छोटे शहरों में बराबर चल रहा है। अब सोमवार का व्योम…
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